गया में एक किसान ने कमाल कर दिया. उसने सरकारी आंकड़े से भी ज्यादा गेहूं का उत्पादन अपने खेत में कर दिया. उसकी खेती देखकर हर कोई आश्चर्य में है. किसान के गेहूं को अब बिहार राज्य बीज निगम खरीदेगा. कृषि विभाग ने बाकी किसानों से भी अपील की है कि वो भी नये प्रयोग कर गेहूं का उत्पादन बढ़ाएं.
सामान्यतः बिहार में प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन लगभग 45 क्विंटल तक होता है. गया जिले के सरेवा गांव के किसान नीरज कुमार सिंह ने 50 से 53 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन किया है. जिले में इन्होंने रिकॉर्ड कायम किया है. कृषि विभाग ने उनके खेत में क्रॉप कटिंग करवायी थी.
जीरो टिलेज मशीन से बुवाई
नीरज ने लोकल 18 को बताया कि इन्होंने अपने खेत में गेहूं की बुवाई जीरो टिलेज मशीन से की थी. 12 दिसंबर को गेहूं की बुवाई कर दी थी. बुवाई के दिन प्रति बीघा एक बैग डीएपी खाद, 1 किलो के दर से प्रति कट्ठा यूरिया, आधा केजी प्रति कट्ठा पोटाश और प्रति कट्ठा ढाई किलो बीज की बुवाई की थी. खेतों में बीज की बुवाई के 22वें दिन उसकी सिंचाई की. दूसरे पटवन में यूरिया, बायो जाइम और थोडा जिंक का छिड़काव किया. तीसरे पटवन में यूरिया, पोटाश का छिड़काव किया गया. इन्होंने बताया बीज बुवाई के 35वें दिन घास मारने की दवाई का छिड़काव किया.
किसान ने बनाया रिकॉर्ड
बिहार में प्रति हेक्टेयर गेहूं के उत्पादन के मामले में नालंदा के एक किसान ने रिकॉर्ड अपने नाम किया है. इन्होंने 100 क्विंटल से अधिक गेहूं का उत्पादन किया है. इसके अलावा राज्य के कई किसान प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल से अधिक गेहूं का उत्पादन कर चुके हैं. हालांकि इस बार गया के नीरज कुमार सिंह ने भी प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल से अधिक गेहूं का उत्पादन कर जिले में रिकॉर्ड कायम किया है.
करण वंदना का कमाल
जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह बताते हैं सीड हब के अंतर्गत 80% अनुदान पर किसानों को बीज देकर यहां गेहूं की खेती कराई गई थी. किसानों को करण वंदना प्रजाति का बीज उपलब्ध कराया गया था. कृषि विभाग के अधिकारी, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, किसान सलाहकार की मौजूदगी में दो जगह क्रॉप कटिंग कराई थी. इसमें 53 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन हुआ. कृषि पदाधिकारी ने बताया गया जिले में इस प्रजाति का गेहूं का अच्छा उत्पादन हुआ है. उन्होंने जिले के अन्य किसानों से इसी प्रजाति का गेहूं लगाने की अपील की है. अब नीरज का गेहूं बिहार राज्य बीज निगम खरीदेगा. फिर अगले साल सब्सिडी पर किसानों को बीज दिया जाएगा.