Home खेती किसानी कृषि वार्ता  कपास की खेती-मुनाफे से जुड़ी पूरी जानकारी

 कपास की खेती-मुनाफे से जुड़ी पूरी जानकारी

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कपास कैसे बनती है? इसकी बुवाई कब होनी चाहिए? अगर आप भी इन सवालों का जवाब खोज रहे हैं तो पढ़ें पूरा आर्टिकल. हम आपको कपास से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देंगे.

हम हर दिन बहुत सारी चीजों को यूज करते हैं. लेकिन यह नहीं जानते हैं कि यह चीजें बनती कैसी हैं. पूजा से लेकर पट्टी कराने तक, हर छोटे-बड़े काम के लिए कपास (Cotton) का इस्तेमाल होता है. सॉफ्ट-सी कपास को छूते ही बहुत बार दिमाग में इससे जुड़े सवाल आते हैं. जैसे कि कपास तैयार कैसे होती है, कितना खर्च आता है और इसकी बुवाई में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे ही तमाम सवालों का जवाब मिला हाल ही में झुंझुनूं में आयोजित हुए एक सेमिनार के दौरान. इस इवेंट के दौरान कपास से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी दी गई.

कपास की खेती के लिए क्या जरूरी है?
कृषि विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत सविता ने सेमिनार में कपास के बारे में विस्तार से जानकारी शेयर की. उन्होंने बताया कि खरीफ की बुवाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. गहरी जुताई करें, बीज उपचार करें और व्हाइट गर्भ नियंत्रण करके फसल की बुवाई करें. ताकि आपकी फसल अच्छी हो.

जान लें मिट्टी के बारे में
खेती करने से पहले मिट्टी का ख्याल न रखने पर आपकी फसल खराब हो सकती है. या फिर फसल हो भी तो परिणाम उतना बेहतर न मिल पाएं. बेहतर रहेगा कि आप कपास की खेती के लिए काली मिट्टी को यूज करें, जिसमें लंबे वक्त तक नमी रहती है. ह्यूमस से फसल को फायदा मिलता है.

किन बातों का रखें ध्यान?
हर एक फसल की तरह कपास की बुवाई करते वक्त भी बहुत सी बातों पर गौर करना चाहिए. समय और मौसम को ध्यान में रख कर बुवाई करें. खासतौर पर किड़े न लगे इस बिंदु को भी दिमाग में लेकर आपको चलना होगा.  गुलाबी सुंडी नाम की बीमारी अक्सर कपास की फसल में देखने के लिए मिलती है.

क्या है सही समय?
कपास खरीफ की फसल है, जिसकी खेती भारत के अलग-अलग राज्यों में होती है. इन राज्यों की लिस्ट में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल हैं. मार्च से जुलाई के बीच कपास की खेती होती है. मानसून में होने वाली फसलों में कपास शामिल है.

खाद के बारे में जानें
बुवाई करते वक्त जीतने कम केमिकल का इस्तेमाल होगा, उतना ही बेहतर रहेगा. फसलों के अवशेषों का खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह प्राकृतिक खाद की तरह काम करता है, जिससे पैदावार अच्छी होती है.

कितनी है कॉटन की कीमत और कमाई
रोजाना किसी न किसी काम के लिए यूज होने वाली कपास लगभग 6 हजार रुपये क्विंटल आती है. पैकेट में पैक करने से पहले कपास फैक्ट्री की अलग-अलग प्रोसेस से गुजरती है. अलग-अलग ब्रांड अपने मुताबिक कपास की कीमत तय करती है, जिसे आप और हम बाजार से खरीदते हैं.  प्रति एकड़ आप कपास की खेती से 8 से 10 हजार का मुनाफा कमा सकते हैं.

सिंथेटिक रुई क्या है?  
आजकल मार्केट में सिंथेटिक कॉटन भी मिल रही है, जो सस्ती भी होती है. लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से इसको यूज करना सही नहीं माना जाता है. इसी वजह से लोग नेचुरल रूई खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं.

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