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जलवायु परिवर्तन बड़ा मुद्दा बन रहा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में

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अमेरिका में राष्ट्रपति के लिए होने वाले चुनाव में अब केवल दो माह ही बचे हैं और कायदे से देखा जाए तो इस चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। लेकिन इस चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने जलवायु संबंधी बयानों पर एक तरह से चुप्पी साध रखी है, जबकि उपराष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान कमला हैरिस को जलवायु चैंपियन के तगमे से नवाजा गया था।

हालांकि उनकी इस चुप्पी के बावजूद उनके लिए यह एक राहत की बात है कि उनकी इस चुप्पी से विश्व भर के ग्रीन लीडर्स को कम से कम अब तक किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है। वे अब भी निश्चिंत हैं कि वह एक प्रभावशाली और संवेदनशील महिला हैं और वक्त आने पर वे इस दिशा में अन्य के मुकाबले अधिक मजबूत कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस चुनाव उनका प्रचार कर रहे वर्तमान राष्ट्रपति बाइडन ने जलवायु परिवर्तन को अपने एजेंडे का आधार बनाया हुआ है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अभी तक अपनी जलवायु योजना का खुलासा नहीं किया है।

हालांकि अमेरिका के जलवायु कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार विस्तार से बताएं कि उन्होंने पृथ्वी को बचाने के लिए अब तक के सबसे बड़े पर्यावरणीय खतरे से निपटने की क्या योजना बनाई है। हां यहां यह कह सकते हैं कि कमला हैरिस ने टिकट मिलने के बाद केवल जलवायु परिवर्तन का उल्लेख किया है लेकिन इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी है कि वे तेजी से बढ़ते तापमान को कैसे रोकेंगी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट में वाशिंगटन के डेमोक्रेटिक गवर्नर जे इंसली के हवाले से कहा गया है कि हैरिस द्वारा अब तक जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कोई भी बात नहीं कहने पर मुझे कोई चिंता नहीं है।

वह कहते हैं कि कमला ने जलवायु परिवर्तन मुद्दे को राष्ट्रपति पद के लिए 2019 में हुए चुनाव के दौरान अपने भाषण में प्रमुख केंद्र बिंदु बना रखा था। इंसली ने कहा कि उनका मानना है कि हैरिस के लिए नीतिगत बारीकियों पर ध्यान देने की तुलना में उनके और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के बीच अंतर पैदा करना अधिक महत्वपूर्ण है। गवर्नर इंसली ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि जब वह सकारात्मक बदलाव लाने की स्थिति में होंगी तो जलवायु संबंधी काम को बखूबी अंजाम देंगी।

रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में राष्ट्र को संबोधित करने के लिए हैरिस के सामने पार्टी के वफादारों में जोश भरने और असंतुष्ट रिपब्लिकन और उदारवादी मतदाताओं तक पहुंच बनाने की एक बड़ी चुनौती है। अब तक हैरिस और उनके साथी मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज ने न्यूनतम वेतन वृद्धि और चाइल्ड-केयर फंडिंग जैसी चीजों की मांग करते हुए एक व्यावहारिक एजेंडा अपनाया हुआ है। जबकि राष्ट्रपति बाइडेन ने जलवायु परिवर्तन को ही एक प्रमुख मुद्दा बना दिया है। आखिरकार अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े स्वच्छ ऊर्जा निवेश कानून पर हस्ताक्षर जो किया है।

हैरिस ने अभी तक मतदाताओं को अपने जलवायु या स्वच्छ-ऊर्जा के मुद्दों के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। कुछ विश्लेषकों ने इसे उनकी रणनीति के तौर पर देखते हैं। उनका कहना है कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने या जीवाश्म ईंधन पर लगाम लगाने के नए वायदे मतदाताओं को अलग-थलग कर सकते हैं, खासकर पेंसिल्वेनिया जैसे स्विंग राज्य में।

वाशिंगटन स्थित शोध फर्म क्लियरव्यू एनर्जी पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक केविन बुक ने हैरिस और वाल्ज के भाषणों में जलवायु परिवर्तन के थोड़े बहुत उल्लेखों का हवाला देते हुए कहते हैं कि यह आकस्मिक नहीं लगता, यह जानबूझकर अपनाई गई नीति है। वह कहते हैं कि मुझे लगता है कि वे चिंतित हैं कि अगर वह जलवायु पर कोई मजबूत रुख अपनाती हैं तो ऐसे में भले ही यह बाइडेन द्वारा अपनाए गए रुख के अनुरूप हो तो और इससे वह बहुत प्रगतिशील दिखें लेकिन यह एक विभाजनकारी मुद्दा है और उन्हें पेंसिल्वेनिया जीतने के लिए दोनों पक्षों की यथासंभव आवश्यकता होगी। अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि हैरिस के पास पहले से ही ऐसे मतदाता हैं जो जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित हैं और उन्हें मनाने की आवश्यकता नहीं है। जलवायु समूहों ने इस सप्ताह हैरिस को टिकट दिए जाने का समर्थन करने के लिए 55 मिलियन डॉलर के विज्ञापन अभियान की घोषणा की है।

पर्यावरणवादियों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने वाली एक संस्था एनवायरनमेंटल वोटर प्रोजेक्ट के संस्थापक नाथनियल स्टिनेट ने कहा कि उनके नए सर्वेक्षण में 18 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के बीच के स्विंग-स्टेट मतदाता पाए गए हैं, जिनमें से कई जलवायु विषय को मतदान के लिए पहली प्राथमिकता के रूप में मानते हैं और हैरिस के अब तक के अभियान के बारे में विशेष रूप से उत्साहित भी हैं।

स्टिनेट ने कहा कि जलवायु का समर्थन करने वाले मतदाता और युवा मतदाता आम तौर पर बहुत अधिक चिंतित और थोड़े गुस्से में भी थे कि अब क्या दिन आ गए हैं कि उन्हें जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच चयन करना पड़ रहा है लेकिन अब वे कमला हैरिस के सामने आने के बाद उस्साहित हैं। राष्ट्रपति बाइडेन की पूर्व जलवायु परिवर्तन सलाहकार और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी की पूर्व प्रशासक जीना मैकार्थी ने कहा कि जलवायु कार्यकर्ता हैरिस और वाल्ज से जलवायु पर अधिक विवरण देने की मांग नहीं कर रहे हैं क्योंकि दोनों की जलवायु संबंधी उपलब्धियां से वे वाकिफ हैं। उपराष्ट्रपति के रूप में हैरिस ने 2022 मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम के लिए टाईब्रेकिंग वोट डाला, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ा जलवायु निवेश है। वहीं वाल ने एक ऐसे कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार मिनेसोटा को 2040 तक अपनी सारी बिजली पवन, सौर और अन्य कार्बन-मुक्त स्रोतों से प्राप्त करनी होगी। मैकार्थी ने हैरिस और वाल्ज को जलवायु चैंपियन कहते हुए कहा कि कोई भी इस बात की चिंता नहीं करता कि वह कितनी बार जलवायु परिवर्तन के बारे में बातें करती हैं।

कैलिफोर्निया से सीनेटर के रूप में हैरिस ने ग्रीन न्यू डील को प्रायोजित किया, जो एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव था, जिसमें इस दशक में जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव का आह्वान किया गया था। हालांकि हैरिस ने अब तक के अभियान दौरान यह नहीं बताया है कि क्या वह अभी भी ग्रीन न्यू डील का समर्थन करती हैं कि नहीं। 2019 के राष्ट्रपति पद के लिए अपने अभियान के दौरान हैरिस ने कार्बन प्रदूषण पर कर लगाने के साथ-साथ कम मांस की खपत को प्रोत्साहित करने के लिए संघीय आहार दिशानिर्देशों में बदलाव की मांग की थी। हालांकि जब वे बाइडेन की साथी और फिर उपराष्ट्रपति बनीं तो इसके बाद उन्होंने इन मुद्दों की वकालत नहीं की। ट्रंप ने जलवायु विज्ञान का मजाक उड़ाया है और ग्रीनहाउस गैसों में कटौती के लिए बनाए गए नियमों को निरस्त करने का वादा किया है साथ ही उन्होंने हैरिस पर उनके 2019 के दौरान किए गए वायदों के आधार पर जमकर हमला बोला है।

हैरिस का अभियान चलाने वाले अधिकारियों का कहना है कि हैरिस और गवर्नर वाल्ज ने हाल के हफ्तों में अमेरिकी जनता के सामने खुद को पेश करने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है और ऐसे में उन्होंने न तो जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों से परहेज किया और न इससे जुड़े दूसरे विषय से। एरिजोना और नेवादा के भाषणों में हैरिस ने टिप्पणी की कि वहां के नागरिकों को जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी और सूखे का प्रत्यक्ष उन्हें भी अनुभव है। इस महीने लास वेगास में हैरिस ने कहा कि आप जानते हैं कि जलवायु संकट वास्तविक है और साथ ही उन्होंने कहा डोनाल्ड ट्ंप का जलवायु संबंधी दावा एक धोखा है।

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