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रतलाम में मिर्ची उत्पादक किसान हुए गुस्से से लाल, सड़क पर फेंकी फसल 

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रतलाम में इन दिनों मिर्ची उत्पादक किसान फसल का उचित दाम नहीं मिलने से नाराज़ हैं. रतलाम मंडी में हरी मिर्ची के भाव में हर दिन आ रहे उतार-चढ़ाव की वजह से किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है. फसल का दाम नहीं मिलने से निराश किसान अपनी फसल सड़क पर फेंक रहे हैं.

रतलाम। रतलाम मंडी में इन दिनों हरी मिर्ची के दाम रिटेल में 20 से 25 रुपए किलो हैं. लेकिन थोक भाव में हर दिन भारी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है. आवक अच्छी होने पर किसी दिन यहां मिर्ची के दाम 5 रुपए से 10 रुपए तक गिर जाते हैं. वहीं, मंडी में माल कम आने की स्थिति में 15 से 20 रुपए प्रति किलो दाम भी मिल रहे हैं. करीब 10 रुपए के भारी उतार चढ़ाव की वजह से दूर से मंडी में पहुंचे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मंडी में जान-बूझकर रेट गिराने का आरोप

दरअसल, रतलाम के मुंदड़ी, करमदी , सरवड़, बिरमावल और झाबुआ जिले के पेटलावद , सारंगी क्षेत्र में मिर्ची की बड़ी मात्रा में खेती की जाती है. रतलाम मंडी में गुजरात से भी मिर्ची बिकने आती है. यहां से हरी मिर्च की सप्लाई जयपुर और दिल्ली तक की मंडियों में की जाती है. करमदी के किसान राजेश पुरोहित ने बताया “स्थानीय व्यापारी जानबूझकर मिर्ची के दाम में तेजी और मंदी ला रहे हैं. मिर्ची के बढे़ भाव की जानकारी मिलने पर दूर क्षेत्र के किसान अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में रतलाम मंडी में माल लेकर आते हैं, लेकिन यहां आवक अधिक हो जाने की स्थिति में व्यापारी मिर्ची का दाम कम लगाते हैं.”

मंडी व्यापारियों का क्या कहना है

किसानों का कहना है कि मंडी में आवक बढ़ने पर दाम फिर गिर जाते हैं. ऐसी स्थिति में मिर्ची उत्पादक किसान अपनी लागत तक नहीं निकाल पाते हैं. इसके परिणामस्वरूप वह अपनी फसल फेंकने को मजबूर है. वहीं, मंडी व्यापारियों का कहना है कि मिर्ची के दाम मांग और आपूर्ति के आधार पर ही निर्धारित होते हैं. मंडी में यदि माल ज्यादा आएगा तो भाव गिरेंगे. वर्तमान में सभी प्रकार की सब्जियों के दामों में कमी आई है. लेकिन मिर्ची के दाम में उतार चढ़ाव अधिक हैं.

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