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*मुरैना और रीवा में कालाबाजारी व नकली खाद के मामले सामने आए, 500 रुपये महंगा दे रहे खाद, नकली पर अधिकारी मौन*

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मुरैना : जिले में खाद का संकट कम नहीं हो रहा। किसानों को सरकारी गोदाम व सोसायटियों से डीएपी व यूरिया नहीं मिल रहा है। इसका लाभ कालाबाजारी करने वाले खूब उठा रहे हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में डीएपी की एक बोरी पर 500 रुपये तक की कालाबाजारी हो रही है तो यूरिया की बोरी लगभग दोगुने दाम में बेची जा रही है।इतना ही नहीं, नकली उर्वरक भी जमकर खपाया जा रहा है। खाद की कालाबाजारी का ताजा मामला जौरा तहसील के बागचीनी गांव में सामने आया है, जहां 1355 रुपये में मिलने वाली डीएपी खाद के एक बोरी को 1800 रुपये में तो 272 रुपये की यूरिया खाद के बोरी को 400 से 450 रुपये में बेचा जा रहा है।

खुलेआम हो रही खाद की कालाबजारी

सोशल मीडिया पर बहुप्रसारित हो रहा है, जिसमें खाद खरीदकर ले जा रहा किसान बता रहा है कि बागचीनी के मरिया सेठ पुत्र रामविलास महंगे दामों पर उर्वरक बेच रहा है। इससे दो दिन पहले बुधवार की देर शाम मुरैना गांव के पास एक खाद-बीज की दुकान व गोदाम में भी नकली खाद की बोरियों की सूचना प्रशासन को मिली थी।

कृषि विस्तार अधिकारी यहां कार्रवाई के लिए भी भेजे गए, लेकिन माफिया व उसके लोगों ने कृषि विभाग की टीम को भगा दिया। इसके बाद कृषि विभाग के अफसर नकली खाद पर कार्रवाई का साहस नहीं जुटा पाए।

खास बात यह है कि जिले को 24500 टन डीएपी की जरूरत है, लेकिन उपलब्ध 10521 टन ही उपलब्ध हो पाया है। वहीं 42000 टन यूरिया की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक सिर्फ 23229 टन यूरिया मिला है। ऐसे में खाद की कमी के चलते खाद माफिया लगातार सक्रिय बना हुआ है।

रीवा संभाग में भी किसान मिलावट युक्त खाद खरीदने को मजबूर

यही हाल रीवा संभाग में भी है लोगों को खाद नहीं मिल रही है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने सरकार के खाद की उपलब्धता संबंधी दावों को पर सवाल खड़े करते हुए तत्काल खाद उपलब्ध कराने की मांग की है।

कालाबाजारी व नकली खाद के ये मामले भी सामने आए

कैलारस के ही खुमानपुरा रोड स्थित धर्मेद्र धाकड़ की गोदाम में नकली डीएपी की शिकायत पर करीब 20 दिन पहले एसडीएम ने उक्त गोदाम को सील करवाया। एसडीएम ने नकली खाद की बात मानी, पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। इस मामले में एसडीएम-तहसीलदार पर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप भी लगे।

डीएपी खाद की खुलेआम कालाबाजारी

मुरैना के बड़ोखर-मुड़ियाखेड़ा में देवीराम वासुदेव खाद-बीज भंडार से डीएपी खाद की खुलेआम कालाबाजारी हो रही थी। कलेक्टर के हस्तक्षेप पर यह दुकान सील की गई, लेकिन उससे आगे की कार्रवाई नहीं हुई।

कैलारस में एमएस रोड पर महाकाल बीज भंडार में 40 बोरे डीएपी अवैध रूप से रखा मिला, यहां से खाद की कालाबाजारी हो रही थी। कैलारस में ही 03 अक्टूबर को सैनिक खाद-बीज भंडार से खाद की कालाबाजारी पकड़ी गई थी।

 उर्वरक वितरण और विक्रय से जुड़ी गड़बड़ियों पर सख्त कार्यवाही की जाए – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। जिन स्थानों से वितरण संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहां दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। इसी तरह वितरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाना आवश्यक हो, उन स्थानों पर अविलंब ऐसे प्रबंध किए जाएं। किसानों को कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में उर्वरकों के अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और कालाबाजारी के 71 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश को किसानों की जरूरत के मान से केन्द्र द्वारा भी निरंतर उर्वरक प्रदाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज जर्मनी से आते ही समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में उर्वरकों के वितरण की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पूर्व वर्ष में 470 उर्वरक विक्रय केन्द्र थे। वर्तमान में प्रदेश में 761 विक्रय केन्द्र और काउंटर्स द्वारा वितरण का कार्य किया जा रहा है। विपणन संघ, मार्केटिंग सोसायटी और एमपी एग्रो द्वारा केन्द्रों का सुचारू संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत 10 हजार से अधिक नमूने विश्लेषित किए गए। कुल 45 लायसेंस निलंबित किए गए हैं।  

अधिकारी सोशल मीडिया और जनमाध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर लें संज्ञान

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गत वर्ष से अधिक मात्रा में उर्वरक वितरण हो चुका है। फसलों की बोवनी लगभग दो तिहाई क्षेत्र में हो चुकी है। प्रदेश में 28 नवम्बर 2024 तक 32.44 लाख मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं। इनमें 21.34 लाख मेट्रिक टन का विक्रय हो चुका है और 11.10 लाख मेट्रिक टन उर्वरक शेष है। दिसम्बर माह में इनकी उपलब्धता लगभग 20 लाख मेट्रिक टन रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सोशल मीडिया पर और अन्य जनमाध्यमों से उर्वरक वितरण की शिकायतें प्राप्त होने पर सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी अविलंब संज्ञान लें और शिकायतों को दूर करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री नड्डा एवं श्री रेल मंत्री श्री वैष्णव से करेंगे आग्रह

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को वितरण के लिए निरंतर और नियमित रूप से आवश्यक उर्वरक प्राप्त हो रहे हैं। भविष्य में भी यह व्यवस्था सुचारू रहे, इस उद्देश्य से वे केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह करेंगे। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न जिलों के लिए रेल से 11 रैक पाईंट के लिए यूरिया का प्रदाय हो रहा है। आगामी सप्ताह यूरिया सहित डीएपी, एनपीके और टीएसपी के रैक टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, कछपुरा, झुकेही, शहडोल, इटारसी, गुना, अशोकनगर, मेघनगर, खंडवा, शाजापुर, मंडीदीप, खंडवा, ब्यावरा, शिवपुरी, डबरा, बैतूल आदि के लिए आएंगे। दिसम्बर महीने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। भारत सरकार का पूर्ण सहयोग प्रदाय व्यवस्था में मिल रहा है।

दोषियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण एवं जिलों में हुए नवाचार

किसानों के हित में उर्वरक व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। दोषियों के विरूद्ध गत सात दिवस में 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इस सीजन में कुल 71 एफआईआर दर्ज हुई हैं, इनमें प्रदेश में उर्वरक के अवैध भंडारण पर 27, अवैध विक्रय पर 17, कालाबाजारी पर 10, अवैध परिवहन पर 7, अमानक उर्वरक पर 5, पीओएस मशीन से विक्रय  नहीं करने पर 3 और नकली उर्वरक के विक्रय पर 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं। प्रदेश भर में यह कार्यवाही निरंतर चल रहा है। प्रदेश के कुछ जिलों में किसानों के हित में बेहतर वितरण व्यवस्था से संबंधित नवाचार किए गए हैं। विदिशा जिले के कुरवई में खाद और बीज दुकानों की जाँच कर सैम्पल लिए गए। जबलपुर में कालाबाजारी की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही की गई। किसानों को फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल का परामर्श भी दिया गया। छतरपुर जिले में अवैध भंडारण पर एफआईआर कर दोषी व्यापारियों पर केस दर्ज किए गए। आगर-मालवा, बैतूल, देवास, बालाघाट, बुरहानपुर, झाबुआ, शिवपुरी, मंदसौर, श्योपुर, हरदा और खंडवा जिलों में भी सख्त कार्यवाही कर अवैध व्यापार करने वालों को दंडित किया गया है। नवाचारों में टीकमगढ़ में काउंटर संख्या बढ़ाकर वितरण व्यवस्था को आसान बनाया गया। छिंदवाड़ा में रबी फसल की तैयारी के लिए किसानों के लिए मार्गदर्शी कार्यशाला आयोजित की गई। 

बैठक में सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रमुख निर्देश

·      प्रदेश में जहां रेल के रैक आने में विलंब हो, वहां सड़क मार्ग से परिवहन कर उर्वरक पहुंचाएं।

·      केन्द्रों की संख्या अधिक से अधिक हो। आवश्यकता हो तो किराए की दुकान लेकर भी वितरण कार्य किया जाए।

·      सोशल मीडिया पर और अन्य जनमाध्यमों से उर्वरक वितरण की शिकायतें प्राप्त होने पर सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी अविलंब संज्ञान लें और शिकायतों को दूर करें।

·      कृषि प्रदर्शनी और आधुनिक तकनीक से जुड़े यंत्रों का प्रदर्शन किसानों के समक्ष किया जाएगा।

·      फसल चक्र में बदलाव को प्रोत्साहित किया जाए।

·      कोदो-कुटकी उत्पादकों को प्रोत्साहित किया जाए।

·      प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए।

·      किसानों से उपार्जित खाद्यान्न के लिए भुगतान में विलंब न हो।

·      भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त किया जाए।

·      कॉन्टेक्ट फार्मिंग को भी प्रोत्साहित किया जाए।

·      किसानों के हित में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

·      आगामी ग्रीष्म काल में मक्का उत्पादन को भी प्रोत्साहन दिया जाए।

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