सानों को उनके घर पर वैज्ञानिकों के साथ बातचीत सत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, कृषि मंत्रालय राज्य कृषि मंत्रालयों, आईसीएआर और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर विशेष आउटरीच कार्यक्रम की जानकारी फैलाने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है. इसमें वैज्ञानिकों की टीम किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और नव विकसित तरीकों के बारे में शिक्षित करेगी.कृषि मंत्रालय वैज्ञानिकों और किसानों के बीच बातचीत सत्रों का आयोजन कर रहा है.
जागरूकता अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए संयुक्त निदेशक डॉ रवींद्र पदारिया ने ईटीवी भारत को बताया, “जागरूकता कार्यक्रम पहले ही शुरू हो चुका है और टीमें ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में जागरूक कर रही हैं, जिसमें वैज्ञानिकों की एक टीम किसानों के घर पर जाएगी और उन्हें प्राकृतिक खेती, मिट्टी परीक्षण का महत्व, पानी की बचत, कृषि उपज में वृद्धि और फसल विविधीकरण के बारे में जानकारी देगी.”
वैज्ञानिकों से सवाल पूछने का मौका
पडारिया ने कहा, “हम वैज्ञानिकों और किसानों के बीच बातचीत सत्रों के माध्यम से किसानों को अधिक लाभ प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र ग्रामीण लोगों से या तो शारीरिक रूप से या टेलीफोन और सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य उन्हें सेमिनारों में लाना है, जहां उन्हें कृषि संबंधी मुद्दों के बारे में अपने सवाल पूछने और वैज्ञानिकों से तुरंत जवाब पाने का अवसर मिलेगा.”
विशेष आउटरीच कार्यक्रम
कृषि मंत्रालय राज्य कृषि विभागों, आईसीएआर, KVKs और अन्य कृषि संस्थानों के सहयोग से एक विशेष आउटरीच कार्यक्रम शुरू करेगा जो 29 मई से 12 जून तक चलेगा, जहां किसानों को प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, प्रोडक्शन की लागत कम करने, उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने, प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई करने, कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देने, वैल्यू एडिशन और फूड प्रोसेसिंग को बढ़ाने को लेकर शिक्षित किया जाएगा.
शिवराज सिंह चौहान ने बताया ऐतिहासिक पहल
इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि “यह कृषि क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है, जो किसानों को सशक्त बनाने, उनकी आजीविका में सुधार लाने और जमीनी स्तर पर उनकी समस्याओं का सीधा समाधान प्रदान करने के लिए समर्पित है, क्योंकि भारत के लक्ष्यों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, राष्ट्रीय खाद्य भंडार को फिर से भरना और देश को दुनिया की खाद्य टोकरी के रूप में स्थापित करना शामिल है.”
उन्होंने कहा कि “सभी संस्थानों को निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक दिशा में मिलकर काम करना चाहिए और दोहराया कि 5 प्रतिशत कृषि विकास दर बनाए रखना एक प्रमुख लक्ष्य है।” आईसीएआर-आईएआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरएस बाना ने ईटीवी भारत को बताया कि जागरूकता अभियान के तहत टीमें ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को संगठित कर रही हैं और उन्हें विशेष आउटरीच कार्यक्रम से पहले बैठक में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. इस बार किसानों के लाभ के लिए राज्य सरकारों के अधिकारी भी इस अभियान में हिस्सा ले रहे हैं.
उन्होंने कहा, “सभी संस्थानों को निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक दिशा में मिलकर काम करना चाहिए और दोहराया कि 5 प्रतिशत कृषि विकास दर बनाए रखना एक प्रमुख लक्ष्य है.” जागरूकता अभियान पर बोलते हुए, आईसीएआर-आईएआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरएस बाना ने ईटीवी भारत को बताया, “टीमें किसानों को संगठित करने और विशेष आउटरीच कार्यक्रम से पहले बैठक में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं. इस बार, राज्य सरकारों के अधिकारी भी किसानों के लाभ के लिए अभियान में भाग ले रहे हैं.”
लैब टू लैंड पहल
आउटरीच पहल कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिकों की टीमें 65,000 से अधिक गांवों में किसानों से सीधे संवाद करेंगी. यह 723 जिलों में चलाया जाएगा और प्रत्येक जिले में 3 टीमें होंगी. एक टीम में 4-5 विषय विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, खेती से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी होंगे. प्रत्येक टीम प्रतिदिन 3 पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें 500-600 किसानों के भाग लेने की उम्मीद है.
संवाद सत्र
विशेष आउटरीच कार्यक्रम 29 मई से 12 जून तक चलाया जाएगा और टीमें इस दौरान 1.30 करोड़ से अधिक किसानों से सीधा संवाद स्थापित करेंगी. कार्यक्रम में ICAR के 3749 वैज्ञानिक और 2980 KVKs और अन्य भाग लेंगे.