Home ज्योतिष समूचे विश्व को ज्योतिष शास्त्र आवश्यक है ?

समूचे विश्व को ज्योतिष शास्त्र आवश्यक है ?

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 श्रीमती पूजा अग्निहोत्री दुबे

जिस प्रकार दीपक अंधकार का भक्षण करता है एवम प्रकाश को उत्पन करके संपूर्ण विषय वस्तु को दृष्टि में ला देता है
उसी प्रकार ज्योतिष की ज्योति से काल रूपी अंधकार में प्रकाश उत्पन्न करके संपूर्ण रहस्य को जाना जा सकता है ओर उससे अनेकानेक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं
जिस प्रकार घड़ी की सुयाये एक मृख से मूर्ख व्यक्ति को भी समय का ज्ञान करा देती हैं ठीक उसी प्रकार ब्रह्म मंडल में इस्तीथ ग्रह भी सपूर्ण मानव जाति को समय का सही ज्ञान कराकर सही दिशा का ज्ञान कराने में सहायक होते हैं
प्राचीन काल में मनुष्य काल बेला का विशेष ध्यान रखता था एवम मुहूर्त आदि पर विशेष श्रद्धा रखता था
मानव के जन्म से ले कर विद्या अध्यान यगोपवित संस्कार, विवाह संस्कार, मिर्तू पर्यन्त तक सभी कार्य में मूर्त साधना पर बल दिया जाता था
इस संसार में कर्म ही प्रधान हैं
लेकिन सही मुहूर्त में किया गया कर्म
मनुष्य को उसकी मंजिल तक पहुचाने में सहायक होता है अथवा
गलत समय में किया गया कर्म निरर्थक हो जाता है
इस प्रकार ज्योतिष में मूहर्त का ही विशिष्ट स्थान है
जैसे कि रामचरित मानस में कहा गया है

समय चूक पुनि का पछताने,
का वर्षा जब कृषि सुखाने

राशिफल
मेष राशि
मेष राशि वाले जातक को आध्यात्म की ओर विशेज रुझान होगा
वाहन लाभ प्राप्त हो सकता है
भवन निर्माण ओर पारिवारिक सुख शांति प्राप्त होगी
घर वापसी का योग बनेगा

  1. बृषब राशि
    संतान से सुख कि प्राप्ति
    शत्रु से भय की स्थिति बन सकती है
    रोजगार से लाभ प्राप्त होगा
    नौकरी मिल सकती हैं
    स्वस्थ की हानि हो सकती हैं
    लंबी यात्रा का योग बन रह रहे हैं
  2. मिथुन राशि
    आय में वृद्धि एवम क्रमोनति
    मित्र से सुख ओर यश की प्राप्ति होगी
    भ्रमण एवम भटकाव की स्थिती पैदा हो सकती हैं , आपसी तालमेल की कमी
    संतान की ओर से सुख समाचार
  3. कर्क राशि
    प्रत्येक कार्य में सफलता मिलेगी
    परिवार मे मांगलिक कार्यों हेतु अवसर
    राज्य से लाभ प्राप्त होगा
    अनावश्यक खर्च एवम व्यय
  4. सिंह राशी
    व्यर्थ तनाव एवम चिंता
    प्रावरिक कलह
    पदौनति
  5. कन्या राशि
    धन लाभ, भूमि से लाभ , सहयोग की प्राप्ति होगी, चोटिल होने का भय, तनाव
  6. तुला राशि
    रोगों में वृद्धि एवम प्रशानिया
    व्यर्थ विवाद, अनावस्यक यात्रा
    मां के प्रति चिंता
    वृश्चिक राशि
    प्रिवरिक कलह का योग है
    रोग विमारिया में वृद्धि
    संतान कष्ट, उपवया मतभेद
  7. धनु राशि
    रोजगार एवम नुकरी की चिंता
    खर्चा अधिक,मित्र मिलाप ,भूमि
    से लाभ, खेती के प्रति रुग्जन
  8. मकर राशि
    व्यर्थ विवाद, तनाव, चिंता, अधिक
    खर्चा, ईष्ट प्राप्ति,
  9. कुंभ राशि
    चारो दिशा से सफलता
    मां की कृपा,भवन लाभ, भूमि लाभ
    पदौनती यश समृद्धि
  10. मीन राशि
    व्यापार में सफलता
    धन एवं वैभव की प्राप्ति
    मांगलिक कार्यों एवम स्थांतरण
    मानसिक सुख एवम यस की प्राप्ति होती योग बन रहें हैं

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