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ये हैं भारत के 10 रईस किसान

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देश में खेती किसानी कर बहुत से लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं. गीमा भाई पटेल गुजरात के रहने वाले हैं. कोरोना संकट की अवधि में गांव के लोगों को रोजगार देने के लिए उन्हें अनार की फसल में काम पर लगा दिया. साल 2021 में गीमा भाई ने कोरोना ग्रस्त लोगों को फ्री में अनार बाँटने का काम भी किया था. गीमा भाई की सालाना कमाई लगभग 70 लाख रुपए है. देश के रईस किसानों की सूची में शामिल खेमाराम चौधरी राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. किसान खेमाराम ने इजरायल की तर्ज पर खेती शुरू की और आज कुछ ही सालों में करोड़पति बन गए हैं. खेमाराम एक बार इसराइल गए तो उन्होंने वहां पॉलीहाउस खेती देखी. वापस अपने गांव आकर इस पर काम शुरू किया, आज खेमाराम की सालाना आय लगभग 90 लाख रुपए है.

ज्ञानेश्वर बोडके पुणे के एक क्रांतिकारी किसान हैं जिन्होंने खेती की अवधारणाओं में क्रांति ला दी है. उन्होंने देखा कि किसान खेती के बजाय घर चलाने के लिए गिरवी रखी जमीन का उपयोग कर रहे थे. इसी को लेकर उन्होंने किसानों की मदद करनी शुरू की और उन्हें नए तरीके से खेती करने के बारे में बताया, जिससे बोडके के साथ इलाके के किसान भी समृद्ध हुए हैं.

रमेश चौधरी जयपुर के रहने वाले हैं. इन्होंने भी इसराइल तरीके से पोली हाउस में मक्का और सब्जियों की खेती की. इस खेती की कमाई से उन्होंने मोबाइल शोरूम समेत कई अन्य कारोबार शुरू कर दिया.

विश्वनाथ बोडके पुणे के रहने वाले हैं और सिर्फ पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की है. पहले वे परंपरागत फसल उगाते थे, लेकिन उसमें ज्यादा लाभ नहीं मिला. फिर उन्होंने स्ट्रॉबेरी जैसे अन्य महंगे फलों की खेती शुरू की जिससे उनकी सालाना कमाई लगभग एक करोड़ 10 लाख रुपए तक पहुंच गई.

बिहार के किसान राजीव बिट्टू पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और 25 लाख सालाना तक की कमाई कर रहे थे. जब उन्होंने नए तरीकों से खेती के बारे में जाना तो उन्होंने भी खेती शुरू की. राजीव ने प्रथम बार में कुछ सब्जियों को बोया और इससे उन्हें काफी मुनाफा हुआ और फिर इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज राजीव बिट्टू की सालाना आय एक करोड रुपए से अधिक है.

रामशरण वर्मा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले हैं. रामशरण वर्मा ने मात्र पांच एकड़ से खेती की शुरुआत की और आज लगभग 200 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर खेती करते हैं. रामशरण वर्मा ज्यादातर सब्जियों और फलों की खेती करते हैं और उनकी सालाना कमाई लगभग एक करोड़ 30 लाख रुपए है.

हरीश धनदेव राजस्थान के जैसलमेर जिले के रहने वाले हैं. हरीश जैसलमेर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे और एक बार दिल्ली की एक प्रदर्शनी में एलोवेरा की खेती के बारे में जाना. फिर इन्हें पता चला कि अमेरिका और ब्राजील सहित कई देशों में एलोवेरा की काफी मांग है. इससे प्रेरणा लेकर इन्होंने एलोवेरा की खेती शुरू की और आज उनकी सालाना इनकम डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक है.

सचिन काले महाराष्ट्र के रहने वाले सचिन मैकेनिकल इंजीनियर थे और उनकी सालाना कमाई लगभग 25 लाख रुपए थी. इन्होंने फ्रांस में हो रही टेक्नोलॉजी की मदद से खेती के बारे में जाना और अपना काम छोड़ खेती शुरू की. आज सचिन की सालाना इनकम लगभग 2 करोड रुपए है.

प्रमोद गौतम नागपुर के बढूं गांव के रहने वाले हैं. प्रमोद गौतम ने दलों और सब्जियों से खेती शुरू की और इसके बाद अपना दाल का ब्रांड शुरू किया जिससे उनके गांव के कई लोगों को रोजगार भी मिला और उनकी सालाना कमाई लगभग 2 करोड रुपए से अधिक है.

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