पिछले एक सप्ताह के दौरान राजस्थान और एमपी में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलें खराब होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. दोनों राज्यों के किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
एमपी और राजस्थान के कई जिलों में मौसम ने किसानों को पिछले एक महीने में एक बार फिर धोखा दिया है. एमपी में जबलपुर से लेकर नर्मदापुरम संभाग तक तमाम जिलों में Rain, Thunderstorm and hailstorm ने रबी की फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. वहीं, राजस्थान के पूर्वी जिलों में दो मार्च की ओलावृष्टि से हुए नुकसान से किसान अभी उबर भी नहीं पाए थे, कि एक बार फिर बेमौसम बारिश ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है. दोनों राज्यों के किसानों ने राज्य सरकारों से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग उठाई है.
मौसम ने ली यूं करवट
पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक बार फिर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में देखने को मिला. महज 48 घंटे के भीतर एमपी के नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में अचानक मौसम बदलने से आंधी और बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
राज्य के जबलपुर, छिंदवाड़ा, खरगोन, बैतूल, सिवनी, भोपाल, विदिशा और रायसेन जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि से रबी की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग (IMD) ने पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में मौसम की ताजा गतिविधियों को देखते हुए उत्तर एवं मध्य भारत के मैदानी इलाकों में तापमान के उतार चढ़ाव, आंधी और बारिश का दौर बार बार देखने को मिलने की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने फरवरी में ही पश्चिमी विक्षोभ की 8 बार सक्रियता को देखते हुए मार्च में मौसम की स्थिरता संदिग्ध रहने की आशंका जताई थी.
इन फसलों काे हुआ नुकसान
उत्तर भारत में किसानों के प्रभावशाली संगठन किसान महापंचायत की एमपी इकाई के अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने बताया कि रायसेन और विदिशा जिले में पिछले 3 दिनों से मौसम की मार का असर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में व्यापक पैमाने पर हुई ओलावृष्टि ने फसलों को चौपट कर दिया है.
धाकड़ ने कहा कि एमपी, यूपी और राजस्थान में इन दिनों Rabi Season की मुख्य फसल गेहूं, चना और मटर सहित अन्य फसल पक कर कटने के लिए तैयार हैं. वहीं सरसों की कटाई चल रही है. तेज बारिश और ओलावृष्टि से ये फसलें नष्ट हो गई हैं.
इसके मद्देनजर मौसम विभाग ने हरियाणा, राजस्थान, एमपी और यूपी के किसानों को रबी सीजन की फसलों की कटाई होने तक चौकन्ना रहने की जरूरत पर बल दिया है. पिछले एक सप्ताह में किसानों ने दो बार मौसम के पलटवार को महसूस करते हुए आंधी, बारिश और ओलावृष्टि का सामना किया है. इसके मद्देनजर यूपी सरकार ने भी Crop Weather Effect को लेकर किसानों को आगाह किया है.
मुआवजे की उठी मांग
इस बीच चुनावी माहौल को देखते हुए किसान संगठनों और विपक्षी दल के नेताओं ने राज्य सरकारों से खराब मौसम की मार वाले इलाकों में फसलों काे हुए नुकसान के मद्देनजर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है. कांग्रेस की एमपी इकाई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने खरगोन सहित अन्य जिलों में फसलों के नष्ट होने का हवाला देते हुए सरकार से तत्काल सर्वे करा कर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है. वहीं छिंदवाड़ा के कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने भी किसानों की फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेकर सरकार से तत्काल मुआवजा राशि घोषित करने की मांग की है.
इस बीच किसान नेता राहुल राज ने भी कहा कि बीते दो दिनों में मध्य प्रदेश के कई जिलों में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि हुई. किसानों की फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है. यह रबी फसलों के लिए इस सीजन का दूसरा बड़ा नुकसान है. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सर्वे और मुआवजा राहत राशि की बात की जाए, इससे पहले यह पूछना लाज़मी है कि, इसी सीजन में पिछली बार हुई अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि की मुआवजा राहत राशि की किस्त सभी पीड़ित किसानों के खातों में डल गई क्या?