रबी का सीजन अपने पीक पर है, जिसके तहत किसानों ने सरसों की कटाई शुरू कर दी है तो वहीं गेहूं कटाई की तैयारियां भी शुरू कर दी है. MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन और लोकसभा चुनाव 2024 के बीच गेहूं खरीद के लिए राज्य सरकारों ने विशेष तैयारियां की हुई हैं. इन तैयारियों के बीच गेहूं खरीद पर इस बार केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंत्रालय का नया फरमान भी लागू होना है. जिसके बाद ये चर्चा बनी हुई है कि इस बार कनक यानी गेहूं के दाम क्या होंगे. आइए इस कड़ी में जानते हैं कि गेहूं खरीद को लेकर सरकारी फरमान क्या है. गेहूं का ग्लोबल प्रोडक्शन अनुमान क्या है. एमएसपी बोनस की पॉलिटिक्स के बीच गेहूं के दाम क्या होंगे.
गेहूं खरीद का सरकारी फरमान
गेहूं खरीद का सरकारी फरमान इस बार केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंंत्रालय ने दिया है. असल में इस बार मंत्रालय ने MSP पर गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य कम कर दिया है. असल में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंत्रालय FCI व राज्य सरकारों के सहयोग से PDS के लिए गेहूं की MSP पर खरीदारी करता है. पिछले साल सरकार ने देश से 341.5 मिलियन टन गेहूं खरीद का का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इस बार देश के सभी राज्यों से 300 से 320 मिलियन टन गेहूं की खरीदारी का लक्ष्य तय किया है
.गेहूं उत्पादन का अनुमान
इस बार भारत में गेहूं उत्पादन का रिकॉर्ड तोड़ने का अनुमान जारी किया गया है. कृषि संस्थान IIWBR की तरफ से जारी किए अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस बार देश में गेहूं का उत्पादन 114 मिलियन टन हो सकता है, जो सर्वकालीक अधिक होगा. वहीं संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन ने दुनिया में गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान जारी किया है. इधर अमेरिका का कृषि विभाग आस्ट्रेलिया और भारत को छोड़कर कनाडा, रूस, यूक्रेन, यूरोपियन यूनियन में गेहूं के उत्पादन में गिरावट होने का अनुमान जारी किया है.
MSP बोनस की पॉलिटिक्स और गेहूं के दाम
इस बार गेहूं खरीद का लक्ष्य कम किया गया है. सरकार की तरफ से ये फैसला तब लिया है, जब पिछले दो सालों से लगातार गेहूं की सरकारी खरीद लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही है, लेकिन इसके बाद भी ये चर्चा है कि गेहूं के दाम इस बार क्या होंगे. इसको समझने के लिए देश में गेहूं के उलझे हुए गणित को देखना होगा, जिसे गेहूं एक्सपोर्ट बैन, गेहूं की ओपन मार्केट सेल, गेहूं MSP बोनस की पॉलिटिक्स से समझना होगा. असल में मई 2022 से गेहूं एक्सपोर्ट पर बैन लगा हुआ है.
वहीं इसके बाद भी देश में गेहूं के दामों में तेजी रही, जिसे नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एफसीआई के गोदामों में स्टॉक गेहूं को ओपन मार्केट में बेचा. वहीं नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीदी 2700 रुपये क्विंटल में करने का वादा किया था, जिसके बाद अब गेहूं के MSP पर 125 रुपये बोनस दोनों राज्यों में दिया जा रहा है, जिसके तहत मध्य प्रदेश और राजस्थान में 2400 रुपये क्विंटल पर गेहूं की सरकारी खरीदारी होगी, जो देश में सबसे अधिक MSP पर गेहूं की खरीदी के तौर पर रेखांकित किया जा सकता है.
ये गेहूं के दामों में बढ़ोतरी का प्रमुख संकेत है. ऐसी संभावनाएं हैं कि इससे खुले बाजारों में गेहूं के दामों में तेजी रहेगी. वहीं चुनाव के बाद रिकॉर्ड उत्पादन की सूरत में गेहूं एक्सपोर्ट शुरू होने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं, जो गेहूं के दाम MSP से अधिक होने की तरफ इशारा कर रहा है.