खाली खेतों से भी कमा सकते हैं भारी मुनाफ़ा

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यदि आपके पास भी खाली जमीन है तो उसके इस्तेमाल से भारी मुनाफ़ा कमाया जा सकता है. आप अपनी जमीन पर कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करा सकते हैं. कई गांवों में और उनके आसपास कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. जिससे किसानों की कमाई पर भी असर होता है.
कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए सब्सिडी दे रही सरकार

बिहार सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. जिसके अंतर्गत जिन जिलों में कोल्ड स्टोरेज नहीं है वहां सरकार कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए 50 फीसदी की सब्सिडी का लाभ दे रही है. कोल्ड स्टोरेज का निर्माण वहां किया जाना चाहिए जिन जिलों में कोल्ड स्टोरेज नहीं है.अभी राज्य सरकार ने कुल 12 जिलों को कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करने के लिए चुनाव है. जिनमें सहरसा, लखीसराय, औरंगाबाद, नवादा, मधुबनी, मुंगेर, जुमई, शुख्पुर, शिवहर, अरवल जैसे जिले शामिल हैं. सब्सिडी देने के लिए उन स्थानों को चुना जाएगा जिनके आसपास पहले से कोल्ड स्टोरेज नहीं है.

कितनी मिल रही सब्सिडी

यदि कोई टाइप वन कैटेगरी के कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करना चाहते हैं तो उसके लिए लागत 8 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन और टाइप 2 कोल्ड स्टोरेज के निर्माण की लागत 10 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन है. कुल लागत का पचास फीसदी सरकार के द्वारा सब्सिडी दी जाएगी.कोल्ड स्टोरेज के अलावा सोलर माइक्रो कूल चैंबर, कोल्ड रूम, सोलर एनर्जी लगाने के लिए भी योजना का लाभ दिया जाएगा. जिसके लिए सरकार के द्वारा पचास फीसदी सब्सिडी दी जाएगी.

यदि सोलर माइक्रो कूल चैंबर बनाने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए 25 लाख रुपये प्रति यूनिट की लागत लाएगी. जिस पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है. यदि 30 मीट्रिक टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज रूम का निर्माण करना चाहते हैं तो इसके लिए 15 लाख रुपये प्रति यूनिट की लागत आएगी. इस पर लगभग 35 फीसदी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा.सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस मिशन के अंतर्गत पुराने कोल्ड स्टोरेज की क्षमता में विकास करने, आधुनिकीकरण के लिए सब्जियों और फलों के रीफर भान और राइपनिंग चैम्बर के निर्माण के लिए भी 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी.