डीएपी एवं अन्य खाद की जगह वैकल्पिक खाद  का इस्तेमाल करके भी पा सकते हैं बेहतर उत्पादन

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खरीफ फसलों की कटाई के बाद किसान रबी फसलों की बुवाई करेंगे. किसान इसके लिए खाद और बीज की खरीद करके खेती की तैयारी कर रहे हैं. किसानों को सरकार के द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है. ताकि बीजों और खाद को खरीदने के लिए उन्हें आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े.डीएपी एवं अन्य खाद की जगह किसान कम दाम पर वैकल्पिक खाद खरीद सकते हैं. किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की तरफ से जारी की गई जानकारी के अनुसार डीएपी की जगह एन.पी.के उर्वरक का उपयोग करके किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

सरकार द्वारा किसानों को सस्ती दरों पर डीएपी, यूरिया जैसे उर्वरक कम दरों पर उपलब्ध करा रहे हैं. डीएपी खरीदने के लिए किसान लगातार कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच कृषि विभाग ने किसानों से डीएपी की जगह वैकल्पिक खाद का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
सस्ते दाम पर मिल जाएगा वैकल्पिक खाद

डीएपी एवं अन्य खाद की जगह किसान कम दाम पर वैकल्पिक खाद खरीद सकते हैं. किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की तरफ से जारी की गई जानकारी के अनुसार डीएपी की जगह एन.पी.के उर्वरक का उपयोग करके किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

ये उर्वरक किसानों को कम दाम में मिल रहे हैं. जिसमें पोटाश, फास्फोरस और नाइट्रोजन जैसे मुख्य पोषक तत्व शामिल हैं.

कहां से ले सकते हैं एन.पी.के उर्वरक

यह उर्वरक किसी भी डबल लॉक केंद्रों, पंजीकृत कृषि आदान विक्रेताओं और सहकारी समितियों से लिया जा सकता है.
एक ही तरह के उर्वरकों से बचें

कृषि विभाग का कहना है कि यदि किसान बेहतर उत्पादन प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए इस बात का ध्यान रखें कि खेतों में एक जैसे उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं करें. किसानों को केंचुए की खाद और गोबर खाद का निश्चित मात्रा में इस्तेमाल करें. फसलों पर यदि किसान संतुलित उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे खेती की लागत कम हो जाएगी. इसके अलावा पैदावार भी बढ़ जाएंगे.

जरूरत से ज्यादा उर्वरकों के इस्तेमाल से बचें

कई बार किसान फसलों के अधिक पैदावार पाने के लिए जरूरत से ज्यादा उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं. जिसके कारण उत्पादन बढ़ने के बजाय प्रभावित हो सकता अहै. इसलिए खाद का संतुलित मात्रा में ही इस्तेमाल करें.

एनपीके खाद के लाभ

इस खाद के इस्तेमाल से बीजों की गुणवत्ता बढ़ने के साथ ही बीजों के वजन और उनकी चमक में भी वृद्धि होती है. जिससे की बाजार में फसलों का अधिक मूल्य प्राप्त किया जा सकता है. इस खाद में पोटेशियम, नाइट्रोजन, फास्फोरस निश्चित मात्रा में पाया जाता है. तीनों पोषक तत्वों का इस खाद में 20:20:20 का अनुपात होता है.