उद्योग जगत की श‍िवराज स‍िंह से क्या है उम्मीद? क्या पूरे देश में मध्य प्रदेश मॉडल को लागू करेंगे चौहान

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मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई कृषि क्षेत्र की उल्लेखनीय प्रगति के लिए उनकी सराहना हो रही है. अब उनके केंद्रीय कृष‍ि मंत्री बनने के बाद देश के लोग मध्य प्रदेश की इस सफलता को पूरे भारत में व्यापक पैमाने पर दोहराने के बारे में आशा भरी नजरों से देख रहे हैं. कृषि क्षेत्र में लगने वाली चीजों को बनाने वाले उद्योग शिवराज सिंह चौहान की नए मंत्री के रूप में नियुक्ति से उत्साहित हैं. वो ऐसी उम्मीद कर रहे हैं क‍ि चौहान मध्य प्रदेश का कृष‍ि मॉडल पूरे देश में लागू करेंगे. फ‍िलहाल, कार्यभार संभालने के बाद, चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से जैव-फोर्टिफाइड बीज किस्मों को विकसित करने और देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच उपज के अंतर को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है.भारतीय बीज उद्योग महासंघ (FSII) के सलाहकार राम कौंडिन्या ने कहा क‍ि आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन से लड़ने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की कुंजी है, इसलिए एचटी बीटी कॉटन, बीटी बैंगन और जीएम सरसों को तत्काल मंजूरी देने की जरूरत है. इससे उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ेगी.  

चौहान लगातार कृष‍ि मंत्रालय के अध‍िकार‍ियों से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से मौजूदा योजनाओं में सुधार करने या उन योजनाओं को बंद करने को कहा, जो ऐसे कार्यक्रमों को लंबा खींचने के बजाय वांछित परिणाम नहीं दे रही हैं. उन्होंने अधिकारियों को यह देखने का निर्देश दिया है कि परिणाम जमीनी स्तर पर दिखाई दें. ज‍िससे क‍ि क‍िसानों को फायदा म‍िले.  

बीज उद्योग महासंघ ने क्या कहा? 

भारतीय बीज उद्योग महासंघ (FSII) के सलाहकार राम कौंडिन्या ने कहा कि महासंघ के सदस्य मौजूदा खरीफ सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. चौहान ने बीज और उर्वरक जैसे गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट की मांग की थी, ज‍िसकी समय पर उपलब्धता जरूरी है. उन्होंने उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की समय पर उपलब्धता पर जोर द‍िया. 

कौंडिन्या ने कहा कि अनुसंधान और विकास पर केंद्रित बीज कंपनियों का एक राष्ट्रीय रजिस्टर बनाया जाना चाहिए ताकि ऐसी कंपनियों को मान्यता दी जा सके और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके. कौंडिन्या ने कृषि में अनुसंधान निवेश पर 200 प्रतिशत भारित कर कटौती को फिर से शुरू करने का भी सुझाव दिया, जिसे 2017 में वापस ले लिया गया था. 

न‍िजी क्षेत्र क्या कर रहा है मांग 

कौंडिन्या ने कहा क‍ि आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी कृषि उत्पादकता बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन से लड़ने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की कुंजी है, इसलिए एचटी बीटी कॉटन, बीटी बैंगन और जीएम सरसों को तत्काल मंजूरी देने की जरूरत है. इससे उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ेगी. उन्होंने कहा क‍ि केंद्र को किसानों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से सीधे बीज वाले चावल को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए. कौंडिन्या ने कहा क‍ि एक जिला, एक फसल के स्थान पर, मिट्टी की स्थिति में सुधार के लिए फसलों का चक्र होना चाहिए. 

धानुका ने उठाया नकली कीटनाशकों का मुद्दा 

धानुका एग्रीटेक के चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने ट्रेसेबिलिटी को अनिवार्य बनाने की वकालत की है. अग्रवाल के अनुसार, उद्योग जगत को उम्मीद है कि चौहान के नेतृत्व में, अगले कुछ वर्षों में पूरे देश में कृषि क्षेत्र की वृद्धि समान रूप से और उल्लेखनीय होगी. चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के कृषि परिवर्तन को रेखांकित करते हुए, अग्रवाल ने कहा कि निम्न-गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की आसान उपलब्धता चीन सहित कई अन्य देशों की तुलना में भारत की कम फसल पैदावार का एक कारण है. हमें उम्मीद है कि सरकार सभी प्रकार के कृषि-इनपुट के लिए ‘ट्रेसेबिलिटी’ को अनिवार्य बनाएगी.  

अग्रवाल ने कहा क‍ि अगर क‍िसानों को गुणवत्ता वाले खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध होंगे तो इससे खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता में वृद्धि होगी. उन्होंने पानी जैसे बहुमूल्य संसाधनों के सही उपयोग के लिए टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना शुरू करने का सुझाव दिया. राइसटेक के बिजनेस हेड (एशिया प्रशांत) अजय राणा ने कहा कि भारत का कृषि क्षेत्र अवसरों से भरपूर है और सकारात्मक हस्तक्षेप इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में बहुत मददगार साबित होंगे.