इंदौर कृषि कॉलेज की ज़मीन को बचाने के लिए कृषि छात्रों की अनूठी कावड़ यात्रा

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 इंदौर ।  सावन माह में शिव भक्तों द्वारा कई कावड़ यात्राएं निकाली जा रही है। लेकिन कृषि कॉलेज के वर्तमान और पूर्व छात्रों द्वारा कृषि कॉलेज की ज़मीन को बचाने के लिए अनूठी कावड़ यात्रा निकाली गई , जिसमें कावड़ में दोनों तरफ जल कलश के बजाय छात्र -छात्राएं पौधे लेकर चल रहे थे। छात्रों का कहना था कि इस कावड़ यात्रा में जल कलश की जगह जो पौधे लेकर जा रहे हैं , उन्हें कलेक्टर परिसर में लगाकर आएँगे।  बड़ी संख्या में शामिल हुए कृषि छात्रों की यह अनूठी कावड़ यात्रा लोगों का ध्यान आकृष्ट कराने में सफल रही।

 मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में गुरुवार को कृषि महाविद्यालयके छात्र छात्राओं ने भूमि बचाओ आंदोलन के तहत एक बार फिर अनोखा प्रदर्शन किया। हालांकि,कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं का यह आंदोलन पिछले काफी समय से जारी है। यह छात्र जमीन को बचाने के लिए हर बार कुछ अनोखा प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वहीं, इस बार फिर इन छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन के लिए अनोखा तरीका अपनाते हुए प्रशासन को जगाने की कोशिश की है।

छात्र-छात्राओं का अनोखा प्रदर्शन :

जैसा की सभी जानते है भूमि बचाओ आंदोलन एक ऐसा आंदोलन होता है। जिसके तहत आग्रह किया जाता है कि, अपने देश की मिट्टी को बचाओ और उसके लिए तत्काल नीतिगत कार्रवाई शुरू की जाए। इसी मांग के साथ मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्रा इस आंदोलन को जारी रखते हुए अनोखे विरोध प्रदर्शन करते नज़र आते हैं। वहीं, अब कृषि महाविद्यालयके छात्र-छात्राओं ने गुरुवार को अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए भैंस पर पर्चे लगा कर भैंस के आगे बीन बजाई और प्रशासन को जगाने की कोशिश की।

लगातार जारी है विरोध :

बताते चलें, जिला प्रशासन कृषि महाविद्यालय की जमीन पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर विचार कर रही है। इसी के चलते कृषि महाविद्यालय के सैकड़ों छात्रों पिछले काफी समय से कृषि भूमि को बचाने के लिए भूमि बचाओ आंदोलन को जारी रखे है और लगातार अलग-अलग तरीके से विरोध कर रहे हैं। इससे पहले जुलाई के महीने में भी इन छात्रों ने अर्धनग्न होकर महाविद्यालय से कलेक्टर ऑफिस तक कांवड़ यात्रा निकाली थी। हालांकि, इन छात्रों के कंधों पर इस दौरान कावड़ की जगह कलश में पौधे लगे हुए दिखाई दे रहे थे।

छात्रों का कहना :

छात्रों का कहना है कि, ‘सरकार कॉलेज की जिस जमीन का अधिग्रहण कर रही है, उसी जमीन में हम फसलों पर शोध करते हैं और किसानों को फसलों के बारे में जानकारी देते हैं। अगर जिला प्रसाशन कॉलेज की जमीन छीन लेगा, तो हम प्रेक्टिकल कहां करेंगे ?’