कृषि में क्रांति लाने के लिए खाद, बीज और कीटनाशकों पर केंद्रीय कृषि मंत्री का जोर

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केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों को लेकर कृषि भवन में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तकनीकी प्रणालियों के प्रभावी इस्तेमाल और खाद, बीज और कीटनाशकों की आवश्यकता पर जोर दिया.आगामी खरीफ सीजन को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद, बीज एवं कीटनाशकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर कृषि भवन में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने खरीफ सीजन 2024 की फसलों के लिए इनपुट सामग्रियों का समय पर वितरण एवं गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी प्रकार की बाधा से बुवाई में देरी होती है, तो उत्पादन प्रभावित होता है. इसलिए इसे हर कीमत पर टाला जाना चाहिए.

शिवराज सिंह चौहान ने संबंधित विभाग को स्थिति की निरंतर निगरानी एवं समीक्षा करने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो.  

खरीफ सीजन की फसलों की तैयारियां

चौहान ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान सामान्य से बेहतर है. इस अवसर पर उर्वरक विभाग, केंद्रीय जल आयोग और भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिए. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव मनोज आहूजा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को खरीफ सीजन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी.

इससे पहले कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) के कामकाज की समीक्षा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए खेतों के मशीनीकरण को बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने कृषि शिक्षा को पेशे से जोड़ने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि कृषि विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग खेती के तरीकों से जुड़ सकें.

कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना

शिवराज सिंह चौहान ने किसान विकास केंद्रों (केवीके) की उपयोगिता में सुधार के लिए गहन चर्चा पर जोर दिया ताकि उन्हें देश के अंतिम किसान तक पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रणालियों का प्रभावी इस्तेमाल कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकता है. उन्होंने वैज्ञानिकों से उत्पादकता में सुधार और नई नस्लों के विकास पर लगातार काम करने का आह्वान किया. चौहान ने यह भी बताया कि प्राकृतिक खेती प्रणालियों को सरल बनाने की आवश्यकता है, ताकि अधिक से अधिक किसान इसे अपनी खेती के लिए अपनाएं.

ICAR की 100 दिवसीय योजना

इस बैठक में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र (आईसीएआर) के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की गतिविधियों और 100 दिवसीय योजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आईसीएआर की 100 दिवसीय योजना में एक सौ फसल किस्मों का विकास और नई प्रौद्योगिकियों का एक सौ प्रमाणन शामिल है, जोकि देश के किसानों के लिए बेहद लाभदायक है.