विदिशा में ट्रैक्टरों की जंग, ‘टिल्लू 420’ ने लूटी महफिल

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मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के छोटे से गांव जीवाजीपुर ने शनिवार को एक नई पहचान बना ली। पहली बार यहां ट्रैक्टर टोचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जहां ट्रैक्टरों की ताकत और तकनीक की असली परीक्षा देखने को मिली। ट्रैक्टरों की इस जंग को देखने के लिए हजारों लोग उमड़े और पूरा गांव मानो एक बड़े मेले में तब्दील हो गया।विदिशा से महज 7 किलोमीटर दूर स्थित जीवाजीपुर में यह मुकाबला दोपहर से शुरू होकर देर शाम तक चला। पंचायत स अमर सिंह ठाकुर की पहल पर आयोजित इस अनूठी प्रतियोगिता ने स्थानीय लोगों से लेकर दूर-दराज के किसानों तक को आकर्षित किया।

पंजाब-हरियाणा से भी पहुंचे दमदार ट्रैक्टर

प्रतियोगिता में न सिर्फ मध्य प्रदेश के विदिशा, रायसेन और होशंगाबाद जिलों से बल्कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों से भी ट्रैक्टर मालिकों ने अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ हिस्सा लिया। कुल 150 ट्रैक्टर इस मुकाबले में भिड़े। प्रतियोगिता में 51 हजार और 11 हजार रुपये की नकद पुरस्कार राशि रखी गई थी।

ट्रैक्टरों को आमने-सामने खड़ा कर एक-दूसरे को विपरीत दिशा में खींचने की चुनौती दी गई। जो ट्रैक्टर सामने वाले को पीछे खींचने में सफल रहा, उसे विजेता घोषित किया गया। इसी बीच ‘टिल्लू 420’ नाम का ट्रैक्टर सबका ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहा और प्रतियोगिता का हीरो बन गया।

अनियंत्रित भीड़ बनी चुनौती, बीच में रोकनी पड़ी प्रतियोगिता

प्रतियोगिता के दौरान भीड़ का उत्साह इतना बढ़ गया कि आयोजकों और पुलिस के लिए उसे संभालना मुश्किल हो गया। जैसे ही पहला मुकाबला हुआ, वहां मौजूद हजारों लोग बेकाबू हो गए। स्थिति को देखते हुए पुलिस को मैदान में उतरना पड़ा और अंततः सुरक्षा कारणों से प्रतियोगिता को बीच में रोकना पड़ा।पुलिस ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की और भीड़ को नियंत्रित कर कार्यक्रम स्थल खाली करवाया। प्रतियोगिता अधूरी रहने से कई दर्शक मायूस नजर आए।

आयोजन की ली थी विधिवत अनुमति

पंचायत सचिव अमर सिंह ठाकुर ने बताया, “हमारा मकसद गांव में ट्रैक्टरों की ताकत और तकनीक को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कराना था। यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि किसानों के लिए सीखने और समझने का मौका भी था कि किस ट्रैक्टर में असल में दम है। आयोजन के लिए हमने प्रशासन से बाकायदा अनुमति ली थी।”टीआई मनोज दुबे ने कहा, “गांव में पहली बार ऐसी प्रतियोगिता हुई थी। पुलिस बल तैनात था, लेकिन भीड़ उम्मीद से कई गुना ज्यादा हो गई थी। सुरक्षा को देखते हुए कार्यक्रम को समय से पहले रोकना पड़ा।”

ग्रामीण खेलों में नई ऊर्जा

जीवाजीपुर की इस टोचन प्रतियोगिता ने ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक खेलों और कृषि उपकरणों के प्रति बढ़ती उत्सुकता को भी रेखांकित किया है। ग्रामीणों का मानना है कि इस तरह के आयोजन गांवों में नई पहचान और नई संभावनाओं के द्वार खोल सकते हैं।

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