ये दवा धान की फसल की जड़ खाने वाले कीटों को खत्म कर देगी

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एमएसपी पर धान खरीदा जाता है, इसकी खेती करने से किसानों को फायदा होता है, सरकार उचित दाम देती है, किसान लंबे समय से धान की खेती करते आ रहे हैं, जिससे अच्छा अनुभव है। लेकिन समय के साथ जमीन, पानी, खाद, बीज में बदलाव होता रहता है, ऐसे में किसानों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि हम जानते हैं कि धान की फसल को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में कीटों की समस्या भी बढ़ जाती है। फसल पर कीटों का खतरा रहता है।

कीटों के अलावा जड़ों को खाने वाले दूसरे कीट भी होते हैं, जिससे पैदावार भी कम होती है, लेकिन किसान इस समस्या से निजात पा सकते हैं, जिसके लिए आपको अंतिम जोताई के समय उपाय करने होंगे, तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

अंतिम जोताई से पहले करें ये काम

धान की फसल को जड़ खाने वाले कीटों से बचाने के लिए मिट्टी का उपचार करना होगा। मिट्टी उपचार के अलावा बीज का भी उपचार करना होगा। मिट्टी उपचार के लिए अंतिम जोताई के समय 5 किलो बैसिलस बेसियाना और मेटारिज़ियम एनीसोप्लिया का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मात्रा एक हेक्टेयर के हिसाब से ही बतायी गई है। इसका इस्तेमाल गोबर की खाद के साथ करना होता है। हमेशा 2 साल पुरानी मिट्टी को गोबर की खाद के साथ इस्तेमाल करें। जुताई के बाद खेत समतल करें और फिर उसमें पौधे लगाकर खेती करें। इस दवा की कीमत क्या है? यह कहां मिलेगी? आइए जानते हैं इसके बारे में।

मिट्टी उपचार की दवा कहां मिलेगी?

मिट्टी अच्छी होगी, फंगस-रोग-कीट से मुक्त होगी तो फसल भी अच्छी होगी। जिसके लिए मिट्टी उपचार की यह दवा उत्तर प्रदेश के गन्ना शोध संस्थान में किसान भाइयों को दी जाती है। जिसकी कीमत 168 रु किलो है। आप इस जगह पर संपर्क करके खरीद सकते हैं या फिर आप मिट्टी को किसी भी तरह से उपचारित कर सकते हैं। अगर आप बीज को उपचारित करेंगे तो अंकुरण ज्यादा होगा और पैदावार भी ज्यादा होगी, अगर किसान खेती करने से पहले मिट्टी की जांच करा लें तो ज्यादा फायदेमंद होगा, अगर जरूरत के हिसाब से पोषक तत्व देंगे तो उत्पादन भी ज्यादा होगा।

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