गुलाब के फूलों की मांग काफी होती है. सर्दियों के मौसम में यदि सही तरीके से गुलाब के पौधों पर लगने वाले रोगों और कीटों का प्रबंधन किया जाए तो बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.गुलाब के फूलों की मांग काफी होती है. सर्दियों के मौसम में यदि सही तरीके से गुलाब के पौधों पर लगने वाले रोगों और कीटों का प्रबंधन किया जाए तो बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. गुलाब के पौधों की खेती के लिए कई बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए.
गुलाब की खेती पर सर्दी का असर
आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सर्दियां बहुत तेज पड़ती है. जिस दौरान रात के मौसम में तापमान काफी गिर जाता है. ठण्ड के मौसम में ये पौधे पनपते हैं, लेकिन इनका विकास धीमा हो जाता है.
धूप का प्रबंधन
गुलाब के पौधों के अच्छे विकास के लिए सही मात्रा में धूप की भी आवश्यकता होती है. इसलिए खेती की शुरुआत से पहले ऐसी जगह का चुनाव करें जहां रोजाना कम से कम 5-6 घंटे धूप आती हो. सर्दियों के मौसम में धूप कम हो जाती है, इसलिए पौधों की समय-समय पर कटाई-छंटाई करें ताकि पौधों पर सही मात्रा में धुप पहुंच सके.
गुलाब की खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान –
· सबसे पहले मिट्टी को अच्छे से तैयार करें. मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए.· खेती की शुरुआत से पहले मिट्टी में पोषक तत्वों की जांच करें.· मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.5 के आसपास होना चाहिए.· मिट्टी में गोबर खाद मिलाएं. पौधों के चारों तरफ मल्च की एक मोटी परत लगाएं ताकि मिट्टी में नमी भी बनी रहे और मिट्टी गर्म बनी रहे, जिससे कि पौधे की जड़ें ठण्ड से बचे.· पौधों में कम, लेकिन गहराई से पानी दें. सुबह पानी देना चाहिए.· जब पौधों को पानी दें तो ध्यान रखें कि पत्तियां ज्यादा गीले नहीं हो. ताकि पत्तियों पर ब्लैक स्पॉट और पाउडरी फफूंदी जैसी बीमारियाँ नहीं हो.
· सर्दियों में गुलाब के पौधों में रोग और कीट प्रबंधन कैसे करें· गुलाब में सर्दियों के मौसम में रस्त आम फंगल रोग, ब्लैक स्पॉट, पाउडरी फफूंद जैसी बीमारियाँ ज्यादा होती है. इसलिए इनसे बचने के लिए पौधों की स्वच्छता का ध्यान रखें.
· संक्रमित पौधों और पत्तियों या पत्तियों के मलबों को पौधों की आसपास से हटा दें.· जैविक कवकनाशी या नीम के तेल के छिड़काव करने से भी पौधों को बीमारियों से बचाया जा सकता है.· पौधों को पर्याप्त दूरी पर लगाएं.· सर्दियों के मौसम में स्पाइडर माइट्स, एफिड्स, और थ्रिप्स पौधों को ज्यादा प्रभावित करती है. इसलिए उनका प्रबंधन जरूरी है.पौधों को ठण्ड से बचाने के लिए शाम को पौधों को हलके कम्बल या कपडे से ढक सकते हैं.