ये हैं मक्का की 3 बेहतरीन किस्में

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इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार अब मक्का के उत्पादन में तेजी लाने पर विशेष ध्यान दे रही है. इसके साथ ही, मक्का की खेती में बंपर मुनाफा तब संभव है, जब किसान अधिक उत्पादकता वाली और रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें. मक्का की खेती से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को उन उन्नत किस्मों पर फोकस करना होगा, जिनकी पैदावार अधिक हो, और जिनका बाज़ार मूल्य भी बेहतर हो.

इसलिए, मक्का की खेती से पहले किसान भाइयों को न केवल सही किस्मों का चयन करना चाहिए, बल्कि खेती की आधुनिक तकनीकों और कृषि विशेषज्ञों के सुझावों का भी पालन करना चाहिए, ताकि वे अपने खेतों से अधिकतम लाभ उठा सकें और मक्का की बढ़ती मांग का फायदा उठा सकें. ऐसे में आइए आज भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित मक्के की दो उन्नत किस्मों IMH 225 और IMH 228 के बारे में विस्तार से जानते हैं-

मक्का की उन्नत किस्म IMH 225 और IMH 228

भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई IMH 225 और IMH 228, मक्के की ऐसी किस्में हैं जिन्हें बसंत, रबी, और खरीफ तीनों सीजन में आसानी से उगाया जा सकता है. अगर उत्पादकता की बात करें तो IMH 225 की उपज 102.5 क्विंटल/हेक्टेयर है, और इसे तैयार होने में 155-160 दिन लगते हैं. खास बात यह है कि यह किस्म तना छेदक, गुलाबी तना छेदक और फॉल आर्मीवर्म के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. साथ ही, मेडिस लीफ ब्लाइट, फ्यूजेरियम डंठल सड़ांध, चारकोल सड़ांध, और टर्सिकम लीफ ब्लाइट जैसे रोगों के प्रति भी प्रतिरोधी है. यह किस्म पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश (पश्चिमी क्षेत्र), उत्तराखंड (मैदानी क्षेत्र), और दिल्ली के लिए उपयुक्त है.