ती से भी लाखों रुपए महीने की कमाई की जा सकती है। चलिए आपको बताते हैं एक ऐसे ही किसान की सफलता की कहानी जो की महीने के 1.26 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं- आज बात कर रहे हैं किसान श्याम कुशवाहा की, जो की मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास के एक गाँव गोलखेड़ी के रहने वाले हैं। वह खेती से अच्छी-खासी आमदनी ले रहे हैं। सालाना 15 लाख रु कमा रहे है। लेकिन वह सिर्फ खेती ही नहीं करते हैं, खेती के साथ-साथ पशुपालन और घर पर खुद खाद तैयार करने का भी काम करते हैं।
जिससे वह महीने का 1.26 लाख रुपए कमा लेते हैं, जो कि किसी भी किसान के लिए बहुत बड़ी रकम होती है। चलिए जानते हैं किसान के पास कितनी जमीन है और वह खेती किस तरीके से करते हैं।

किसान श्याम कुशवाह ने खेती का गजब का मॉडल तैयार किया है। जिससे ज्यादा से ज्यादा खेती से जुड़ी जरूरत वह खुद ही पूरी कर लेते हैं। आपको बता दे कि किसान के पास 9 एकड़ की जमीन है। जिसमें वह मिश्रित खेती करते हैं, जी हां 2 एकड़ की जमीन में वह फल की खेती करते हैं, और 2 एकड़ की जमीन में सब्जी लगाते हैं जबकि 4 एकड़ की जमीन में अनाज की खेती करते हैं। वह जैविक खेती करते हैं। जिससे सेहत को फायदा ही होता है, साथ ही साथ पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होता है। चलिए आपको उनके पशुपालन के बारे में बताते है।
पशुपालन में लेते हैं गजब का मुनाफा
खेती में उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है, आपको बता दे कि वह पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती करते हैं। जिससे मौसम की मार नहीं झेलनी पड़ती। पत्तेदार सब्जियों का उत्पादन दो एकड़ से 100 से लेकर 150 क्विंटल तक मिल जाता है। जिससे अच्छा मुनाफा हो जाता है, और पशुपालन में भी गजब का मुनाफा ले रहे हैं। करीब 60 से 70 लीटर तो वह दूध बेंच देते हैं। जिससे प्रतिदिन बढ़िया कमाई हो जाती है, और गाय के गोबर गोमूत्र का इस्तेमाल भी खाद बनाने में करते हैं। चलिए आपको बताते हैं वह जैविक खाद कैसे तैयार करते हैं।
खुद तैयार करते हैं जैविक खाद
जैविक खाद के लिए मध्य प्रदेश सरकार भी लगातार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, और अनुदान भी दे रही है। जिसमें श्याम कुशवाहा भी जैविक खाद बनाकर खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छा फायदा होता है। आपको बता दे कि उन्होंने जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग कृषि वैज्ञानिक द्वारा ली थी। जिससे उन्हें जैविक बनाने की अच्छी जानकारी है। वह वर्मी कंपोस्ट, वर्मी वास और 10 पत्ती काढ़ा, मटका खाद आदि को तैयार करते हैं। जिससे अच्छा उत्पादन मिलता है, मिट्टी भी उपजाऊ होती है।