तीन साल में 78 फीसदी बढ़ी अरहर की कीमत,हर साल 46 लाख टन अरहर दाल की खपत

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भारत में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली दालों में से एक अरहर (तूर) की कीमत आसमान पर पहुंच गई है. इसका थोक भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 3668 रुपये अध‍िक हो गया है. नतीजा यह है क‍ि र‍िटेल भाव उपभोक्ताओं की दाल पतली कर रहा है. केंद्र सरकार ने तूर का एमएसपी 7000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय क‍िया हुआ है, जबक‍ि 11 अगस्त को इसका ओपन मार्केट में भाव 10668.09 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. तीन साल पहले 2021 में इसी द‍िन थोक दाम स‍िर्फ 5989.29 रुपये क्व‍िंटल था. यानी तीन साल में ही अरहर के दाल के थोक दाम में 78.11 फीसदी का इजाफा हो चुका है. अगर इसकी खेती का व‍िस्तार नहीं हुआ तो आने वाले द‍िनों में दाम और बढ़ सकते हैं.

उधर, उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्राइस मॉन‍िटर‍िंग ड‍िवीजन के अनुसार 11 अगस्त को देश में अरहर दाल का अध‍िकतम र‍िटेल प्राइस 195 रुपये प्रत‍ि कि‍लो जबक‍ि न्यूनतम दाम 130 रुपये प्रत‍ि क‍िलो रहा. अरहर दाल का दाम बहुत तेजी से बढ़ रहा है क्योंक‍ि इसके ल‍िए हमें आयात पर न‍िर्भर रहना पड़ रहा है. खेती कम हो रही है. इसील‍िए प‍िछले तीन साल में ही इसके दाम में प्रत‍ि क्व‍िंटल 4679 रुपये का इजाफा हो चुका है. 

दाल की मांग और आपूर्त‍ि 

भारत में हर साल लगभग 46 लाख टन अरहर दाल की खपत होती है, जबक‍ि इसका उत्पादन 2023-24 में स‍िर्फ 34 लाख टन ही रह गया है. ड‍िमांड और सप्लाई में करीब 12 लाख टन का अंतर है. इस गैप की वजह से तूर दाल के दाम में तेजी से इजाफा हो रहा है, क्योंक‍ि हमें इसका आयात करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार की र‍िपोर्ट के मुताब‍िक 2023-24 में भारत ने 47.39 लाख टन दालों का आयात क‍िया, ज‍िसमें अरहर की भी ह‍िस्सेदारी अहम थी.