फिर बहुरने लगे हैं एशिया की सबसे बड़ी लाहुल पोटेटो सोसायटी के दिन

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एशिया की सबसे बड़ी लाहुल पोटेटो सोसायटी के दिन फिर बहुरने लगे हैं। घाटे में चल रही इस संस्था के प्रति किसानों का रुझान बढ़ऩे लगा है। लाहुल घाटी के किसान अपने बीज आलू को एलपीएस के माध्यम से बेच रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से गिरे आलू बीज की आमद का ग्राफ इस साल करीब तीन गुना बढ़ गया है। एलपीएस के पास आलू बीज पहुंचने की मात्रा साढ़े आठ हजार बोरी से बढ़कर 26 हजार बोरी पहुंच गई है। जिला लाहुल-स्पीति बीज आलू के लिए विश्व भर में विख्यात है। एशिया की सबसे बड़ी सोसायटी लाहुल पोटेटो सोसायटी (एलपीएस) के माध्यम से बीज आलू की बिक्री की जाती रही है। पिछले कुछ वर्षों में एलपीएस का ग्राफ बहुत गिर गया था और किसानों का रुझान इस सोसायटी की ओर घटता जा रहा था। किसानों ने बीज आलू सोसायटी को भेजना कम कर दिया था। लेकिन, पिछले दो वर्षों से फिर किसानों का एलपीएस की ओर रुझान बढ़ता जा रहा है। पतलीकूहल स्थिल आलू ग्राउंड में इन दिनों लाहुल का बीज आलू पहुंच रहा है।

बीज आलू बोरियों की संख्या साढ़े आठ हजार से बढ़कर दो सालों में 26 हजार तक पहुंच गई है। इन दिनों पतलीकूहल स्थित आलू ग्राउंड में ग्रेडिंग व पैकिंग का काम चल रहा है। जहां से देशभर के विभिन्न राज्यों के लिए आपूर्ति की जाएगी। लाहुल पोटेटो सोसायटी के अध्यक्ष सुदर्शन जस्पा ने बताया कि एलपीएस के पास इस बार 26 हजार बीज आलू की बोरियां पहुुंची है। देश के कई राज्य पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात व उत्तराखंड आलू बीज की मांग आती रही है। इस साल लेह व कारगिल से भी बीज आलू की मांग मिली है। उन्होंने बताया कि बीज आलू की कुफरी ज्योति, कुफरी चंद्रमुखी व हिमानी है । कुफरी ज्योति की मांग अधिक रहती है और प्रदेश सरकार लाहुल का आलू बीज 3700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगा। एलपीएस की तरफ रुझान व विश्वास बढ़ता जा रहा है और आलू बोरियों की संख्या दो वर्षों में साढ़े आठ हजार से बढ़कर 26 हजार पहुंची है। आने वाले समय मे यह संख्या और अधिक बढ़ेगी। उनके अनुसार सोसायटी के पदाधिकारी एलपीएस को फिर से बुलंदियों की ओर ले जाने के लिए प्रयासरत है।