किसानों की भलाई के लिए रचनात्मक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रमुख एग्रीटेक कंपनी सिंजेंटा इंडिया ने हाल ही में दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते हरियाणा के किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने और विविधीकृत व सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। मंगलवार को सिंजेंटा इंडिया ने सरकार के संस्थानों के साथ साझेदारी की घोषणा की, जिससे हरियाणा के किसानों को लाभ प्राप्त हो सके।
सिंजेंटा इंडिया के प्रबंध निदेशक और कंट्री हेड सुशील कुमार ने आईसीएआर-सेंट्रल सॉयल सैलिनिटी रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसएसआरआई) और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ दो समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। सीएसएसआरआई के साथ किए गए समझौता ज्ञापन का उद्देश्य खारे प्रभावित क्षेत्रों में मृदा स्वास्थ्य और स्थायित्व में सुधार करना है, जबकि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ हुए समझौते का उद्देश्य विविधीकृत सतत कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देकर उत्पादकता में सुधार करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करना है।
सुशील कुमार ने कहा, “दोनों MoU हमारे कृषि क्षेत्र में विशेषज्ञों के साथ सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे कार्यों के केंद्र में नवाचार हैं, जो जलवायु परिवर्तन, मृदा क्षरण और जैव विविधता ह्रास जैसी चुनौतियों का सामना करने में हमारी मदद करते हैं। हमारी सोच सभी हितधारकों को साथ लेकर कृषि को एक स्थायी और किसान-संवर्धित मॉडल बनाना है।”सिंजेंटा इंडिया के हेड और CCSHAU के पूर्व छात्र कुमार ने कहा, “यह मेरे लिए गर्व और अवसर की बात है कि मैं अपने पूर्व संस्थान के साथ मिलकर हमारे किसानों और कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूत बना सकूं।”
CCSHAU, हिसार के कुलपति प्रो. बी.आर. कांबोज ने MoU के आदान-प्रदान के बाद कहा, “एक प्रमुख कृषि शोध और शिक्षा विश्वविद्यालय के रूप में, हम सिंजेंटा इंडिया के साथ हाथ मिलाकर विविधीकृत सतत कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए उत्साहित हैं, जिससे उत्पादकता में सुधार होगा और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।”
कुमार ने आगे कहा, “आज की जरूरत है कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया जाए। हम साझेदारी में विश्वास करते हैं और भारत में सार्वजनिक संस्थानों, उत्पादकों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।” MoU के अनुसार, CCSHAU और सिंजेंटा इंडिया मिलकर हितधारकों के कौशल विकास, निर्णय लेने में सहायता के लिए ICT आधारित उपकरणों और तकनीकों को बढ़ावा देंगे और इसे किसानों के साथ साझा करेंगे।
साथ ही, वे ग्रामीण युवाओं की कृषि और सहायक विज्ञानों में क्षमता निर्माण, फसल सुरक्षा रसायनों के सुरक्षित उपयोग, और नई तकनीकों को अपनाने के लिए परियोजनाओं को भी लागू करेंगे। यह कार्य सिंजेंटा के I RISE (इनक्यूलकेटिंग रूरल इंडिया स्किल एन्हांसमेंट) पहल के तहत किया जाएगा और इसे कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs), कृषि डिप्लोमा तकनीकी स्कूलों, किसान समूहों और विश्वविद्यालय के अन्य संस्थानों के माध्यम से किया जाएगा।
ICAR-CSSRI, करनाल के निदेशक डॉ. आर.के. यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम सिंजेंटा इंडिया के साथ मिलकर मृदा लवणता प्रबंधन और सतत कृषि प्रथाओं के माध्यम से फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए संयुक्त शोध और विकास परियोजनाएं करेंगे।”
कुमार ने बताया कि ICAR-CSSRI के साथ MoU के तहत किसानों, शोधकर्ताओं और विस्तार कार्यकर्ताओं के लिए मृदा लवणता प्रबंधन, फसल सुरक्षा और सतत कृषि पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, संयुक्त प्रकाशन, प्रस्तुतियों का विकास और शोध के परिणामों को व्यापक वैज्ञानिक समुदाय और हितधारकों तक पहुंचाने का कार्य भी किया जाएगा। CSSRI सिंजेंटा द्वारा प्रायोजित इंटर्न्स को प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साथ कार्य करने का अवसर भी प्रदान करेगा, जिससे वे मृदा स्वास्थ्य और लवणता प्रबंधन में अपने कौशल को बढ़ा सकें।