गोदामों में रखी चीनी पिघल रही है,पानीपत शुगर मिल की हालत खराब

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हरियाणा में चीनी मिल की हालत अच्छी नहीं है. पानीपत जिले के डाहर स्थित पानीपत सहकारी चीनी मिल कम रिकवरी के चलते घाटे में चली गई है. खास बात यह है कि चीनी की बोरियों को रखने वाले गोदाम की हालत तो और खराब है. रखरखाव के अभाव में बोरियों में ही चीनी पिघल रही है. लेकिन इस पर नजर रखने वाला कोई नहीं है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 70 एकड़ में 360 करोड़ रुपये की लागत से नया प्लांट शुरू किया था, जिसकी क्षमता प्रतिदिन 50,000 क्विंटल गन्ना पेराई की है. मॉर्डन तकनीक के उपकरणों से लैस यह प्लांट 2022 से पूरी तरह से चालू है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए 6.5 करोड़ रुपये की लागत से एक कंपनी को टेंडर आवंटित किया था. मिल ने गन्ना पेराई करके 10 फीसदी चीनी निकालने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस सीजन में मिल ने केवल 9.2 फीसदी ही चीनी निकाली है. सूत्रों ने बताया कि मिल ने इस सीजन में कुल 63.43 लाख क्विंटल गन्ना पेराई की है. इसके अलावा चीनी स्टॉक का रखरखाव भी सवालों के घेरे में है. गोदाम की हालत बहुत खराब है, बोरियां फटी हुई हैं और फर्श पर चीनी बिखरी हुई है.

बोरियों में ही पिघल रही चीनी

सूत्रों ने बताया कि चीनी बोरियों में ही पिघल रही है, लेकिन इस पर नजर रखने वाला कोई नहीं है. सूत्रों ने बताया कि ठेकेदार ने इस साल चीनी की तुलना में अधिक गुड़ बनाया है, जिससे चीनी मिल को बड़ा घाटा हुआ है. सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने टेंडर में सूचीबद्ध कामों को पूरा नहीं किया. कंपनी इस सीजन में अपेक्षित मैनपावर भी उपलब्ध कराने में विफल रही है. सूत्रों ने बताया कि चीनी मिल की मशीनरी भी जाम है, क्योंकि मशीनों के चैंबर में ब्राउन शुगर फंसी हुई है.

चीनी मिल को हुआ घाटा

चीनी मिल का निर्माण एक निजी कंपनी ने कराया था, लेकिन उसने कई सिविल कार्य बीच में ही छोड़ दिए. सूत्रों ने बताया कि हाल ही में आए तूफान में बैगास कैरियर का ऊपरी प्लेटफॉर्म टूट गया. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि काम पूरा नहीं हुआ, लेकिन भुगतान कर दिया गया. इसके अलावा, जिस कंपनी को हाल ही में ठेका मिला है, उसने भी इस साल चीनी मिल को बड़ा घाटा पहुंचाया है. अतिरिक्त उपायुक्त और चीनी मिल के कार्यवाहक एमडी डॉ. पंकज यादव ने बताया कि हाल ही में उन्हें मिल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने इतनी कम दर पर टेंडर लिया था कि उसे उचित मैनपावर नहीं मिल पाया और वह मानदंडों का पालन नहीं कर सका.

कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश

उन्होंने कहा कि कंपनी को चीनी की रिकवरी में घाटा हुआ है और मिल में मशीनरी को नुकसान पहुंचा है. एडीसी डॉ. पंकज ने कहा कि हमने कंपनी का भुगतान रोक दिया है. जब तक कंपनी मानदंडों का पालन नहीं करती, तब तक भुगतान नहीं किया जाएगा. हम इस ठेकेदार को दंडित करने जा रहे हैं और कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी सिफारिश करेंगे.