घट सकता है सोयाबीन का रकबा, किसानों का झुकाव मक्के और दाल की खेती की तरफ

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देश में इस साल सोयाबीन की खेती के रकबे और उत्पादन में कमी आ सकती है. क्योंकि जो प्रमुख सोयाबीन उत्पाद राज्य महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश हैं इन राज्यों के किसान अब सोयाबीन की खेती को छोड़कर दाल और मक्के की खेती को अपना रहे हैं. उनका रुझान दाल और मक्के की खेती की तरफ बढ़ रहा है. बता दें की सोयाबीन एक महत्वपूर्ण खरीफ फसल है. मध्य भारत में मॉनसून के प्रसार के साथ ही प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में तिलहनी फसल सोयाबीन की बुवाई लगभग-लगभग पूरी हो चुकी है. भारतीय सोयाबीन उत्पादक संघ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक ने कहा कि इस साल हम सोयाबीन के रकबे में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सोयाबीन के रकबे में गिरावट की प्रमुख वजह है कि किसान इसकी खेती से अब दूरी बना रहे हैं. अब किसानों का झुकाव मक्के और दलहनी फसलों की खेती की तरफ हो रहा है. क्योंकि पिछले साल किसानों ने मक्के की खेती में अच्छी कमाई की थी, जबकि दाल की कीमतें हमेशा ही अच्छी बनी रहती हैं. लेकिन सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है और यह न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी नीचे बिक रहा है. इसकी कीमत एमएसपी से भी नीचे चली जा रही है. इसलिए किसान भी यह सोच कर मक्के और दाल की खेती कर रहे हैं कि उन्हें इनकी खेती करने से सोयाबीन से अधिक कमाई होगी. 

सर्वे कर रहा है SOPA

सोयाबीन की खेती के रकबे में गिरावट आने का जिक्र करते हुए डीएन पाठक ने कहा कि मध्य प्रदेश के अधिकांश किसानों का झुकाव सोयाबीन छोड़ने के बाद मक्के की खेती की तरफ हो रहा है जबकि महाराष्ट्र के किसान सोयाबीन को छोड़कर अधिकतर दलहनी फसलों और कपास की खेती कर रहे हैं. देश में सोयाबीन की खेती के कुल रकबे की जानकारी को लेकर भारतीय सोयाबीन उत्पादक संघ एक सर्वे करा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि सर्वे की रिपोर्ट अगले कुछ सप्ताह में सामने आ जाएगी उसके बाद स्पष्ट आंकड़ों का पता चल पाएगा. 

बढ़ी है सोयाबीन की एमएसपी

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पांच जुलाई तक देश में 60.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की बुवाई की जा चुकी थी. हालांकि साल 2023 में इस अवधि के दौरान 28.86 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती की गई थी. पिछले साल के खरीफ सीजन के दौरान 124.11 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती की गई थी. इस दौरान सोयाबीन की कीमत मध्य प्रदेश के मंडियों में 3971 से लेकर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है. केंद्र सरकार ने हाल ही में सोयाबीन की एमएसपी तय की है. इस साल सोयाबीन पर 4892 रुपये की एमएसपी तय की गई है जबकि पिछले साल यह 4600 रुपये प्रति क्विंटल थी. सोयाबीन की एमएसपी में इस साल 6.3 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी की गई है.