महाभारत में जब द्वापर युग का अंत होने वाला था, तो पांडवों को श्रीकृष्ण ने वन में अलग-अलग दिशाओं में भेजा। वन में जाकर पांंचों पांडव ने कई विचित्र घटनाएं देखीं। जब श्रीकृष्ण को इन घटनाओं के बारे में पता चला, तो उन्होंने इन विचित्र घटनाओं को कलियुग से जोड़कर कलियुग से जुड़ीं 5 भविष्यवाणियां कीं। आइए, जानते हैं श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में कलियुग की कौन-सी 5 भविष्यवाणियां की थीं।
महाभारत का रक्तरंजित युद्ध होने के बाद पांडवों ने कई वर्षों तक हस्तिनापुर में शासन किया लेकिन पांडवों का मन फिर भी राजकाज में पूरी तरह रम नहीं पाया था क्योंकि इतने भयानक युद्ध में पांडवों ने सिंंहासन तो प्राप्त कर लिया लेकिन बाकी सब खो दिया। वहीं, द्वापर युग समाप्त होने की तरफ बढ़ रहा था। श्रीकृष्ण जानते थे कि द्वापर युग के अंत के बाद कलियुग का आगमन होना है। श्रीकृष्ण पांडवों के सामने भी इस बात का उल्लेख कर चुके थे। ऐसे में एक दिन अर्जुन ने श्रीकृष्ण से प्रश्न किया कि “कलियुग क्या है? और कलिकाल की गति क्या होगी?” अर्जुन का सवाल सुनकर श्रीकृष्ण ने मुस्कुराकर कहा “हे पांडु पुत्रों! तुम सभी वन में जाओ और वहां तुम्हें जो भी विचित्र दृश्य दिखाई दे, उसके बारे में आकर मुझे बताओ।” श्रीकृष्ण की आज्ञा का पालन करते हुए सभी पांडव वन में अलग-अलग दिशाओं में चल दिए। इसके बाद जब पांडव वापस श्रीकृष्ण के लौटे, तो श्रीकृष्ण ने उनके देखे गए दृश्यों के आधार पर कलियुग की भविष्यवाणियां कीं। आइए, जानते हैं कृष्ण द्वारा की गईं कलियुग की भविष्यवाणियां।
युधिष्ठिर ने वन में क्या देखा
युधिष्ठिर जब वन में भटकने लगे, तो उन्होंने देखा कि किसी हाथी की दो सूंड हैं। युधिष्ठिर को यह देखकर बहुत ही आश्चर्य हुआ। युधिष्ठिर काफी समय तक वहीं पर रूककर यह जानने का प्रयास करते रहे कि आखिर इस हाथी की दो सूंड क्यों है? लेकिन उन्हें कोई उत्तर नहीं मिला। अंत में इस विचित्र हाथी को देखकर युधिष्ठिर वापस श्रीकृष्ण के पास लौट आए।
अर्जुन ने वन में क्या देखा
अर्जुन जब भटकते हुए वन में पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक पक्षी के पंखों पर वेदों की ऋषाएं लिखी हुई थीं लेकिन यह पक्षी किसी जानवर का मांस खा रहा था। अर्जुन ने जब यह दृश्य अपनी आंखों से देखा, तो अर्जुन को यह बात समझ नहीं आई कि दिव्य प्रतीत होने वाला कोई पक्षी ऐसा क्यों करेगा? अर्जुन भारी मन से श्रीकृष्ण के पास लौट आए।
भीम ने वन में क्या देखा
भीम जब वन में भटकते-भटकते पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि एक गाय ने बछड़े को जन्म दिया और बछड़े को प्रेम में इतना चाटती रही कि बछड़ा घायल हो गया। बछड़े में से खून निकलने लगा। गाय के इस प्रेम को देखकर भीम को कोई शब्द नहीं सूझ रहे थे।
नकुल ने वन में क्या देखा
नकुल ने वन में देखा कि एक बड़ी-सा पत्थर लुढ़कते हुए आ रहा है। इस बड़े पत्थर ने रास्ते में पड़ने वाले सभी पेड़-पौधों को गिरा दिया। इस पत्थर को मजबूत दिखने वाले पेड़ भी नहीं रोक पाए लेकिन इस जैसे ही यह शिला एक छोटे से पौधे के पास पहुंची, उस पौधे का स्पर्श पाते ही यह पत्थर वहीं पर रूक गया। नकुल ने यह दृश्य देखा और इसे बताने के लिए श्रीकृष्ण के पास आ गए।
सहदेव ने वन में क्या देखा
सहदेव ने वन में देखा कि आसपास 5-6 कुएं हैं। उन सभी में पानी है लेकिन इन छोटे कुओं के बीच में जो बड़ा कुआं है, वह बिल्कुल खाली है। जबकि बीच का कुआं गहरा है, फिर भी इसमें पानी नहीं है। सहदेव इस कुएं के रहस्य को जाने बिना ही श्रीकृष्ण के पास लौट गए।
श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के दृश्य के बारे में की यह भविष्यवाणी
जब श्रीकृष्ण को धर्मराज युधिष्ठिर ने वन में घटित घटना के बारे में बताया, तो श्रीकृष्ण ने कहा-“हे धर्मराज! तुमने जो भी देखा, वो कलियुग के आने की आहट है। हाथी की दो सूंड का अर्थ यह है कि भविष्य में इस धरती पर मनुष्य दो तरह की बातें करेंगे। उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर होगा। मनुष्य नैतिकता को छोड़कर दोनों तरफ से एक-दूसरे का शोषण करेंगे।”
श्रीकृष्ण ने अर्जुन के दृश्य के बारे में की यह भविष्यवाणी
श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा “हे पार्थ! वन में तुमने वेद की ऋषाएं लिखे जिस पक्षी को मांस खाते हुए देखा है, वह भी कलियुग का संकेत है। कलियुग में ऐसे मनुष्य होंगे, जो दिखने में तो ज्ञानी और ध्यानी लगेंगे लेकिन दूसरी तरफ किसी अन्य मनुष्य पर इस तरह अत्याचार करेंगे कि उनके शरीर से मांस दिखने लगेगा। इसका अर्थ यह है कि ज्ञान का दिखावा करके मनुष्य एक-दूसरे के मांस का भक्षण करेंगे। उन्हें केवल पद और धन से ही मतलब रहेगा, फिर चाहे, उन्हें किसी की हत्या ही क्यों न करने पड़े।”
श्रीकृष्ण ने भीम के दृश्य के बारे में की यह भविष्यवाणी
श्रीकृष्ण ने भीम के से कहा “भीम! जिस तरह तुमने गाय को अपने बछड़े को वासल्य में चाटकर घायल करते हुए देखा, उसी तरह कलियुग में माता-पिता अपने बच्चों के मोह में इतने अंधे हो जाएंगे कि उनके सही-गलत का ज्ञान भी उन्हें नहीं होगा। अंधे प्रेम में डूबकर माता-पिता तब तक बच्चों को प्यार करते रहेंगे, जब तक कि उनका अहित न कर बैठें। कलियुग में अपने बच्चों को बिगाड़ने के जिम्मेदार माता-पिता भी होंगे।”
श्रीकृष्ण ने नकुल के दृश्य के बारे में की यह भविष्यवाणी
श्रीकृष्ण ने नकुल से कहा कि कलियुग में ऐसा समय आएगा जब मनुष्य का पतन इतनी तेजी से होगा कि अपने संपर्क में आने वाले बड़े और मजबूत दिखने वाले मनुष्यों को भी वह पतन की ओर ले जाएगा लेकिन एक छोटा-सा पौधा यानी हरि नाम उस मनुष्य के पतन को रोकेगा, इसलिए कलियुग में हरि नाम जपने से मनुष्य धर्म मार्ग पर टिका रह पाएगा।”श्रीकृष्ण ने सहदेव के दृश्य के बारे में की यह भविष्यवाणी
सहदेव के खाली कुएं वाले दृश्य का वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण ने कहा कि कलियुग में भी मनुष्य इसी तरह का हो जाएगा, जब मनुष्य दिखावे के लिए अपने धन को खर्च करेंगे। विवाह, जन्म, मरण आदि उत्सवों पर पैसे बहाएंगे और उन लोगों को धन और उपहार देंगे, जो पहले से भरे हुए हैं लेकिन उनके आस-पड़ोस और रिश्ते-नातों में गरीबी और तंगी को झेल रहे मनुष्यों के लिए उसके पास कुछ नहीं होगा। उनका ध्यान जरुरतमंद लोगों पर नहीं जाएगा।”