सरकार ने नॉन-बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक हटा देने के बाद भारत में चावल की कीमतें कुछ दिनों में 10-15% तक बढ़ गई हैं जबकि वैश्विक स्तर पर चावल की कीमतें 15% तक गिर चुकी हैं. हाल मे बढ़ी इन कीमतो का कारण भारत से चावल के निर्यात की बढ़ती मांग ने घरेलू बाजार में कमी से कीमतों को ऊंचा कर दिया है.
2023-24 में भारत का चावल निर्यात $10.42 बिलियन रहा जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 6.5% कम है. भारत वैश्विक चावल बाजार में 45% हिस्सेदारी रखता है, और इसके प्रमुख निर्यात गंतव्य में ईरान, सऊदी अरब, चीन, बेनिन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.नई दिल्ली: सरकार ने नॉन-बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक हटा देने के बाद भारत में चावल की कीमतें कुछ दिनों में 10-15% तक बढ़ गई हैं जबकि वैश्विक स्तर पर चावल की कीमतें 15% तक गिर चुकी हैं. हाल मे बढ़ी इन कीमतो का कारण भारत से चावल के निर्यात की बढ़ती मांग ने घरेलू बाजार में कमी से कीमतों को ऊंचा कर दिया है.
- सरकार ने नॉन-बासमती सफेद चावल पर निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया है और परबोल्ड चावल पर कर को 10% कर दिया है. यह निर्णय बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) हटाने के कुछ ही हफ्तों बाद लिया गया. भारत के पास अभी चावल के अच्छे भंडार हैं, जिससे घरेलू बाजार में कीमतों पर असर पड़ा है.
“थाईलैंड के एक विशेष चावल की कीमत जो पहले $800 प्रति टन थी हाल ही में गिरकर $710 प्रति टन हो गई है. भारत ने अपने निर्यात को खोलने के कारण थाईलैंड, वियतनाम और फिलीपींस से आने वाले चावल की कीमतों पर दबाव बना है,” सुरज अग्रवाल, RiceVilla के CEO ने कहा.
“पिछले एक सप्ताह में सभी प्रकार के नॉन-बासमती चावल की कीमतें 10-15% बढ़ गई हैं और इनमें गिरावट की कोई संभावना नहीं है,” अग्रवाल ने कहा.
2023-24 में भारत का चावल निर्यात $10.42 बिलियन रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 6.5% कम है. भारत वैश्विक चावल बाजार में 45% हिस्सेदारी रखता है, और इसके प्रमुख निर्यात गंतव्य में ईरान, सऊदी अरब, चीन, बेनिन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.
चावल की बढ़ती वैश्विक मांग के कारण घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं, जो त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को प्रभावित कर सकती हैं. “चावल की घरेलू कीमतें तब तक मजबूत रहेंगी जब तक नई फसल नहीं आती. चावल की वैश्विक मांग काफी अधिक है,” केशब कुमार हल्दर, HVL के प्रबंध निदेशक कहते हैं.
गोल्डन चावल जो अफ्रीका और अन्य छोटे देशों में निर्यात किया जाता है, इसकी कीमतें ₹35 प्रति किलो से बढ़कर ₹41 प्रति किलो हो गई हैं.
बासमती चावल की भारी डिमांड
वित्त वर्ष 24 में भारत ने 5.83 अरब डॉलर मूल्य के रिकॉर्ड 52.4 लाख टन सुगंधित चावल का निर्यात किया. जीआइ-टैग वाला बासमती चावल पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड के 70 से ज़्यादा ज़िलों में उगाया जाता है. सुगंधित और लंबे दाने वाला यह चावल वैश्विक बाज़ारों में प्रीमियम पर बिकता है. विश्व सुगंधित चावल बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी लगभग 80% है जबकि बासमती चावल के निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी लगभग 20% है.