गेहूं की पूसा मालवी एचडी 4728 देगी 65 क्विंटल की पैदावार

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रबी फसलों का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में कई किसान गेहूं की खेती इस सीजन में करेंगे। इसके लिए उन्हें गेहूं की उन्नत किस्मों की आवश्यकता होगी ताकि वे अधिक पैदावार प्राप्त कर सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए गेहूं की एक ऐसी किस्म की जानकारी लेकर आए हैं जो प्रति हैक्टेयर 65 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है। इतना ही नहीं यह किस्म कीट-रोगों के लिए भी प्रतिरोधी किस्म है। ऐसे में किसान इस किस्म खेती करके गेहूं का बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

कौनसी है गेहूं की यह किस्म

गेहूं की अधिक पैदावार देने वाली किस्मों में एक किस्म पूसा मालवी एचडी 4728 (Pusa Malvi HD 4728) भी शामिल हैं। इस किस्म को केंद्रीय किस्म विमोचन समिति की ओर से 2016 में जारी किया गया था। यह किस्म देश के मध्य क्षेत्र के लिए अधिसूचित की गई है। गेहूं की इस किस्म को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात राजस्थान के कोटा व उदयपुर डिवीजन, उत्तर प्रदेश के झांसी डिवीजन के लिए उपयुक्त पाया गया है।

क्या है पूसा मालवी एचडी 4728 की विशेषताएं

  • गेहूं के पूसा मालवी एचडी 4728 किस्म के दाने मोटे और चमकदार होते हैं।
  • यह किस्म 120 दिनों में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
  • गेहूं की यह किस्म पत्ती और तना रतुआ रोगों के प्रति उच्च स्तर पर प्रतिरोधी किस्म है।
  • यह किस्म रबी सीजन में समय से बुवाई और सिंचित अवस्था के लिए अनुकूल पाई गई है।
  • इस किस्म की औसत उपज क्षमता 54.2 क्विंटल और अधिकतम उपज क्षमता 65 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक है।
  • यह किस्म सूजी आधारित उद्योग में उपयोग के लिए बहुत उपयुक्त पाई गई है।
  • गेहूं की कुछ अन्य उन्नत किस्में

गेहूं के पूसा मालवी एचडी 4728 किस्म के अलावा भी गेहूं की कई ऐसी किस्में हैं जो बेहतर पैदावार दे सकती हैं। गेहूं की उन्नत किस्मों में पूसा जागृति एचआई 1653, पूसा अदिति एचआई 1654, पूसा हर्ष एचआई 1655, करण श्रिया या डीबीडब्ल्यू ऐसी कुछ किस्में हैं जो 55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक पैदावार दे सकती हैं। इन किस्मों की बुवाई किसान 10 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक कर सकते हैं।

असिंचित क्षेत्र के लिए गेहूं की उन्नत किस्में

ऐसे क्षेत्र जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है और केवल बारिश ही सिंचाई का मुख्य स्त्रोत हैं वहां के लिए गेहूं की एचडी 3293, एचडी 3237, एचडी 3043, एचआई 1620, एचआई 1612, डीबीडब्ल्यू 296, एचबीडब्ल्यू 252, एचयूडब्ल्यू 468, डब्ल्यूएच 1142, डब्ल्यूएच 533, राज 4120 किस्में उपयुक्त बताई गईं हैं। गेहूं की इन किस्मों से 25 से 40 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

लवणीय और क्षारीय भूमि के लिए गेहूं की उन्नत किस्में

कई खेतों की मिट्‌टी लवणीय या क्षारीय होती हैं। ऐसी भूमि के लिए भी उन्नत किस्में विकसित की गई हैं जिनमें केआरएल 213, एचकेआरएल 1-4, एचएस 420, एस 240, एनडब्ल्यू 1067, के 8434 शामिल हैं। गेहूं की इन किस्मों से 30 से 45 क्विंटल प्रति हैक्टेयर पैदावार मिल सकती है।

कैसे करें पूसा मालवी एचडी 4728 किस्म की बुवाई

गेहूं की इस किस्म की बुवाई के समय 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान उपयुक्त रहता है। वैसे तो गेहूं की खेती सभी प्रकार की भूमियों में की जाती है, लेकिन इसकी बेहतर पैदावार के लिए दोमट मिट्‌टी उपयुक्त रहती है। इसकी बुवाई से पहले मिट्‌टी पलटने वाले हल/प्लाऊ से खेत की जुताई करनी चाहिए। इसके बाद डिस्क हैरो या कल्टीवेटर से दो से तीन जुताइयां करके खेत की मिट्‌टी को भुरभुरा व समतल बना लेना चाहिए। खेत की पहली जुताई के समय 20 से 25 किलोग्राम यूरिया प्रति हैक्टेयर की दर से देना चाहिए ताकि डिस्क हैरो से काटे गए धान के ठूंठ जल्द ही सड़कर खाद में बदल जाएं। ट्रैक्टर (Tractor) चालित रोटावेटर की सहायता से एक जुताई में ही खेत पूरी तरह से तैयार हो जाता है। अब भली प्रकार से तैयार किए गए खेत में कतार में बुवाई करने पर बीज दर 100 से 125 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रखी जा सकती है। वहीं छिड़कवां विधि से गेहूं की बुवाई करने पर बीज दर 125 से 150 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर के हिसाब से लेनी चाहिए। गेहूं की बुवाई से पहले बीजों का शोधन अवश्य कर लेना चाहिए ताकि कीट रोग से फसल को बचाया जा सके। इसके लिए बाविस्टिन, काबेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से लेकर बीजों को उपचारित करने के बाद इसकी बुवाई करनी चाहिए। गेहूं की बुवाई देशी हल की सहायता से करनी चाहिए।