पंजाब-हर‍ियाणा ने गेहूं खरीदने का बनाया र‍िकॉर्ड

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गेहूं के बढ़ते दाम के बीच केंद्र सरकार अभी तक अपने खरीद लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकी है. अभी 108.5 लाख मीट्र‍िक टन और गेहूं खरीदा जाएगा तब टारगेट पूरा होगा. इस बीच बफर स्टॉक यानी सेंट्रल पूल में सबसे ज्यादा गेहूं देने वाले पंजाब और हर‍ियाणा में खरीद प्रक्रिया बंद हो चुकी है. ऐसे में अब केंद्र के टारगेट को पूरा करने का दारोमदार मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पर है, जहां पर अभी खरीद जारी है. उत्तर प्रदेश में 15 और मध्य प्रदेश में 30 जून खरीद होगी. अब ये दोनों सूबे ज‍ितनी अध‍िक खरीद करेंगे, केंद्र के ल‍िए उतना ही फायदेमंद रहेगा. अगर सरकारी गोदामों में गेहूं कम रहेगा तो ओपन मार्केट में दाम बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी. केंद्र के सामने इस वक्त अपने गेहूं के गोदाम भरने की चुनौती है, क्योंक‍ि 80 करोड़ लोगों को न स‍िर्फ मुफ्त अनाज बांटना है बल्क‍ि क‍िसी ‘संकट’ के समय के ल‍िए भी इंतजाम करके रखना है. 

बहरहाल, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार 3 मई तक स‍िर्फ 264.37 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं की ही खरीद की जा सकी है. जबक‍ि 372.9 लाख मीट्र‍िक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह देखा जाए तो सेंट्रल पूल के ल‍िए केंद्र सरकार ने ज‍ितना गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था, उसका स‍िर्फ 70.89 फीसदी ही खरीदा गया है. ज‍िस गत‍ि से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में खरीद हो रही है उसे देखकर ऐसा नहीं लग रहा है क‍ि इस साल भी खरीद का लक्ष्य सरकार पूरा कर पाएगी, हालांक‍ि पंजाब और हर‍ियाणा में खरीद बंद होने के बाद अब सारी उम्मीदें इन्हीं दो सूबों पर ट‍िकी हुई हैं. 

पंजाब ने की सबसे ज्यादा खरीद 

केंद्र सरकार के गेहूं के गोदाम भरने में पंजाब का सबसे बड़ा योगदान है. यहां पर 31 मई को खरीद प्रक्रिया बंद कर दी गई थी.मंत्रालय के अनुसार राज्य में 130 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का टारगेट रखा गया था, जबक‍ि यहां 124.38 लाख मीट्र‍िक टन की खरीद हुई है. परसेंट के ल‍िहाज से बात करें तो 95.67 फीसदी की खरीद हुई है, जो देश में सबसे ज्यादा है. पंजाब में आध‍िकार‍िक तौर पर 1 अप्रैल से खरीद शुरू करने का एलान क‍िया गया था, लेक‍िन जमीनी स्तर पर खरीद 13 अप्रैल को बैसाखी के बाद शुरू हुई थी.

हर‍ियाणा में 88.9 फीसदी खरीद

एमएसपी पर गेहूं खरीदने के मामले में दूसरा नंबर हर‍ियाणा का है, जहां 15 मई को खरीद प्रक्रिया बंद कर दी गई थी. यहां 80 लाख मीट्र‍िक टन का टारगेट था, ज‍िसमें 71.15 लाख टन की खरीद हुई. यानी हर‍ियाणा ने अपने टारगेट का 88.9 फीसदी खरीद क‍िया. हर‍ियाणा और पंजाब ने म‍िलकर अब तक देश भर में हुई 264.37 लाख मीट्र‍िक टन की खरीद में से 195.53 लाख टन का योगदान क‍िया है. इसका मतलब अब तक देश में हुई कुल गेहूं खरीद में 73.96 फीसदी का योगदान स‍िर्फ हर‍ियाणा-पंजाब का है.  

टारगेट से दूर हैं यूपी, एमपी 

हर‍ियाणा और पंजाब के अलावा दो और बड़े प्रमुख गेहूं उत्पादक सूबे हैं, ज‍िनमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के नाम शाम‍िल हैं.इन दोनों को म‍िलाकर 140 लाख टन की खरीद करने का टारगेट द‍िया गया था, ज‍िसमें से मुश्क‍िल से 58 लाख मीट्र‍िक टन की ही खरीद हुई है. इन दोनों राज्यों में अभी खरीद प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में केंद्र को अब इन्हीं से उम्मीद है. बाकी क‍िसी राज्य में न तो खरीद का बड़ा टारगेट है और न ज्यादा खरीद की उम्मीद है. इस साल सरकार 2275 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल के रेट पर गेहूं खरीद रही है.

यूपी, एमपी से उम्मीद 

हालांक‍ि, देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक उत्तर प्रदेश ने 60 लाख टन के टारगेट को अचीव करने की बजाय स‍िर्फ 9.23 लाख मीट्र‍िक टन की खरीद की है. यानी लक्ष्य का स‍िर्फ 15.3 फीसदी. यहां अभी 15 जून तक खरीद चलेगी. ऐसे में यहां पर अभी खरीद बढ़ने की काफी उम्मीद है. इसी तरह मध्य प्रदेश में खरीद प्रक्रिया 30 जून तक चलेगी. यहां 80 लाख टन की खरीद का टारगेट द‍िया गया था और अब तक 48.23 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदा गया है. यानी 60.2 फीसदी खरीद हुई है.