भारत का बाजार नियामक तथा शेयर बाजार छोटे और मध्य उद्यमों (SME) के शेयर बाजार में सूचीबद्धता के लिए नियमों को सख्त करेंगे। छोटे कारोबारों की पूंजी बाजार तक पहुंच बनाने के लिए साल 2012 में शुरू किए गए सूचीबद्धता के अलग प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद ऐसा किया जा रहा है। दो सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
इन चर्चाओं की सीधे तौर पर जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि नियामक – भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ऐसी सार्वजनिक पेशकशों का न्यूनतम आकार बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये तक करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि नियामक और एक्सचेंज द्वारा हितधारकों से परामर्श के बाद इस साल के अंत में नए नियम जारी किए जाने की योजना है।
फिलहाल कोई न्यूनतम आकार निर्धारित नहीं है, लेकिन प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों के पास निर्गम के बाद 25 करोड़ रुपये का पूंजी आधार होना जरूरी होता है। सूत्र ने कहा कि पेशकश के इस न्यूनतम आकार से यह सुनिश्चित होगा कि गंभीर कंपनियां पूंजी बाजार तक पहुंच रही हैं और इससे निवेशकों के हितों की रक्षा होगी।
मीडिया के साथ बात करने के लिए अधिकृत नहीं होने की वजह से सूत्रों ने नाम उजागर करने से मना कर दिया। बाजार नियामक और नियामक की ओर से नीतियों को लागू करने वाले शेयर बाजारों ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।
पूंजी बाजार के आंकड़े उपलब्ध कराने वाले प्राइम डेटाबेस के अनुसार देश के बढ़ते इक्विटी बाजार से उत्साहित एसएमई द्वारा सार्वजनिक निर्गर्मों में मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के दौरान इजाफा हुआ।