पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट और मूंगफली की कटाई

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मूंगफली की अच्छी पैदावार होने के बाद भी अगर कटाई और उसके बाद की देखभाल में लापरवाही हो जाए, तो फ़सल की गुणवत्ता खराब हो सकती है और बाज़ार में उसका मूल्य घट सकता है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि मूंगफली की सही समय पर कटाई, सूखाने की विधियां और सुरक्षित भंडारण तकनीक कैसे मूंगफली की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करते हैं। 

मूंगफली की कटाई का सही समय: गुणवत्ता का पहला आधार 

क्यों है सही समय पर मूंगफली की कटाई ज़रूरी? 

मूंगफली की फ़सल यदि समय से पहले काट ली जाए तो दानों में तेल की मात्रा कम होती है, दाने पूरी तरह पके नहीं होते और भंडारण में जल्दी खराब होने लगते हैं। वहीं अगर देर से कटाई करें, तो फलियों में फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है और पौधों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं जिससे निकालने में नुकसान होता है। 

कटाई का उपयुक्त समय कैसे पहचानें? 

  • फ़सल की अवधि सामान्यतः 100 से 120 दिन होती है (यह किस्म पर निर्भर करता है)।
  • जब पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगें, और नीचे झड़ने लगें, तो संकेत मिलता है कि फ़सल पकने को तैयार है।
  • ज़मीन में खोदकर 5-6 फलियां निकालें:
  • यदि 70% से अधिक फलियां भूरे रंग की हैं और अंदर के दाने सख्त हो गए हैं,
  • और दानों का रंग किस्म के अनुसार हल्का गुलाबी या भूरा है,
  • तो यह कटाई का सही समय है।
  • मूंगफली की कटाई की विधि: सावधानी और कुशलता दोनों जरूरी 

मूंगफली की कटाई दो तरीकों से की जाती है: 

  • हाथों से उखाड़ना : छोटे क्षेत्रों और बारिश के बाद ज़मीन नरम होने पर यह तरीका उपयुक्त है।
  • ट्रैक्टर-चलित डिगर या हार्वेस्टर मशीनें: बड़े खेतों के लिए तेज़ और कम श्रम लागत वाला तरीका है।

कटाई में क्या सावधानी बरतें? 

कटाई सूखी मिट्टी में करें ताकि फलियां मिट्टी में न छूटें। 

  • पौधों को उखाड़ने के बाद उन्हें उल्टा करके खेत में 2-3 दिन तक सूखने के लिए छोड़ें।
  • इस दौरान, सुनिश्चित करें कि खेत में बारिश न हो। अगर बारिश का खतरा हो, तो पौधों को ढककर रखें।
  • मूंगफली को सुखाना: नमी हटाना, गुणवत्ता बचाना 

सूखाने का उद्देश्य क्या है? 

  • कटाई के तुरंत बाद फलियों में 40-50% नमी होती है।
  • बाज़ार में भेजने या भंडारण से पहले इसे 8-10% तक लाना जरूरी है।
  • नमी ज्यादा होने पर फफूंद, कीड़े और आफ्लाटॉक्सिन नामक जहरीले तत्व का खतरा बढ़ जाता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
  • सूखाने के तरीक़े 

(a) खेत में सूखाना

  • पौधों को उल्टा करके 2-3 दिन तक धूप में फैलाएं।
  • प्रति दिन 2-3 बार पलटें ताकि सभी फलियां समान रूप से सूखें।
  • ध्यान रहे कि तेज़ धूप में भी अधिक समय तक न रखें जिससे दाने सख्त या टूट सकते हैं।

(b) थ्रेशिंग के बाद सूखाना

  • अगर आप फलियों से दाने निकाल रहे हैं (Threshing), तो दानों को भी धूप में 2-3 दिन सुखाएं।
  • तिरपाल या प्लास्टिक शीट का उपयोग करें ताकि मिट्टी न लगे।
  • दानों को बार-बार पलटते रहें।

(c) यंत्रों से सूखाना :

अगर बारिश का मौसम हो या अधिक मात्रा में फ़सल हो, तो किसान solar dryers या electric dryers का उपयोग कर सकते हैं।

  • तापमान 40-45°C से अधिक न हो, ताकि दानों की संरचना और तेल की गुणवत्ता खराब न हो।
  • भंडारण की सही तकनीक: कीड़ों और नमी से सुरक्षा

भंडारण से पहले क्या करें?

  • सुखाने की पुष्टि करें: दानों की नमी 8-10% से अधिक न हो।
  • साफ-सफाई: भंडारण से पहले भंडारण स्थल को साफ करें, चूना या कीटनाशक छिड़कें।
  • कीटमुक्त बोरी या ड्रम का उपयोग करें।

भंडारण के लिए विकल्प 

(a) बोरियों में भंडारण:

  • जूट या HDPE की बोरियां लें।
  • बोरियों को लकड़ी के तख्तों पर रखें ताकि नीचे से नमी न चढ़े।
  • एक जगह पर अधिक ऊंचाई तक बोरियां न रखें (4-5 बोरियों से अधिक नहीं)।

(b) ड्रम या एयरटाइट कंटेनर:

  • दाने निकालने के बाद यदि लंबे समय तक भंडारण करना है, तो air-tight ड्रम या प्लास्टिक कंटेनर उपयोग करें।
  • इनमें नमी और कीटों का प्रवेश मुश्किल होता है।

(c) पीपी बैग में वायुरुद्ध पैकिंग

  • यदि आपके पास संसाधन हों, तो पीपी बैग में वैक्यूम पैकिंग से भंडारण जीवन 6 महीनों से अधिक हो सकता है।
  • आफ्लाटॉक्सिन से कैसे बचें?

क्या है आफ्लाटॉक्सिन?

  • यह एक जहरीला फफूंद है जो अधिक नमी में मूंगफली में विकसित होता है।
  • इससे मूंगफली की बिक्री निर्यात बाज़ार में रुक जाती है और मनुष्य व पशुओं के लिए यह खतरनाक है।

बचाव के उपाय:

  • कटाई के बाद फ़सल को शीघ्र सुखाएं।
  • भंडारण से पहले नमी और फफूंद की जांच करें।
  • ऐसे दाने जो काले, बदरंग या नरम हैं उन्हें अलग कर दें।
  • मूंगफली की ग्रेडिंग: अच्छी गुणवत्ता का बेहतर मूल्य

ग्रेडिंग कैसे करें?

  • बड़े, समान आकार के, बिना टूटे हुए और साफ दाने अधिक मूल्य पाते हैं।
  • मशीन द्वारा ग्रेडिंग कर सकते हैं या हाथ से भी अलग किया जा सकता है।

ग्रेडिंग के लाभ:

  • व्यापारी या मंडी में दाम अधिक मिलते हैं।
  • निर्यात के लिए उपयुक्त मूंगफली तैयार होती है।
  • किसान ब्रांडेड पैकेजिंग कर खुद बेच सकते हैं।
  • मार्केटिंग और मूल्यवर्धन
  • पैकेजिंग और ब्रांडिंग करके किसान स्थानीय बाज़ार में मूंगफली दाने, भुनी मूंगफली या मूंगफली का तेल बेच सकते हैं।
  • FPOs या सहकारी समितियों से जुड़कर बड़े स्तर पर मूंगफली का व्यवसाय किया जा सकता है।
  • सरकारी योजनाओं जैसे PM-FME या Agri Infra Fund के तहत मूल्यवर्धन इकाइयों की स्थापना संभव है।
  • कुछ सुझाव और सावधानियां
कार्यसावधानी
कटाईसही समय, सूखी ज़मीन में करें
सुखानाधूप में पलटते हुए 2-3 दिन तक
भंडारणसाफ, सूखा और कीटमुक्त स्थान
फफूंद से बचावजल्दी सुखाना, काले/नरम दाने निकालना
ग्रेडिंगसाफ, समान और बड़े दानों को प्राथमिकता देना
मार्केटिंगस्थानीय बाजार में वैल्यू एडिशन पर ध्यान देना

मूंगफली की कटाई के बाद की फ़सल की देखभाल केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि समझदारी भी मांगती है। सही समय पर कटाई, उचित सुखाना और सुरक्षित भंडारण तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी फ़सल की गुणवत्ता को न केवल बनाए रख सकते हैं बल्कि बाज़ार में उसका बेहतर दाम भी पा सकते हैं। बदलते समय में बाज़ार मांग, निर्यात मानक और उपभोक्ता सुरक्षा जैसे विषयों को समझना और अपनी खेती को वैज्ञानिक पद्धतियों से जोड़ना ही आज के किसान की असली ताकत है।

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