पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प 

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विश्वकर्मा विश्वविद्यालय ने रक्षाबंधन के मौके पर एक अनूठी पहल की. विश्वविद्यालय के छात्र और स्टाफ ने कैंपस में पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लिया.
विश्वविद्यालय के कुलपति सिद्धार्थ जाबडे ने कहा, “कैंपस में पेड़ों को राखी बांधना हमारे द्वारा वनस्पति और जीव-जंतुओं की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. पर्यावरण और प्रकृति समिति के सदस्यों द्वारा बनाए गए ईको-फ्रेंडली रक्षाबंधन ने इस संकल्प को मजबूत किया.”

विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा, “जलवायु परिवर्तन ने मानव जाति के सामने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं. इस चुनौती का सामना करने के लिए विश्वविद्यालय ने कई पहल की हैं. वृक्षबंधन (Vrukshabandhan) एक ऐसी ही पहल है, जो प्रकृति के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए की गई है.”

इस आयोजन के आयोजक और छात्र कल्याण संघ के निदेशक वैभव ठाकरे ने कहा, “ये राखियां waste और बची हुई सजावटी सामग्री से बनाई गई हैं, जो विश्वविद्यालय की स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. खास बात यह थी कि इन राखियों को छात्र परिषद के अभिव्यक्ति विंग द्वारा हस्तनिर्मित किया गया.”

विश्वकर्मा विश्वविद्यालय द्वारा मनाए गए वृक्षबंधन ने ग्रीन फ्यूचर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया. ठाकरे ने आगे कहा, “यह हमारे छात्र समुदाय को सतत विकास लक्ष्यों के प्रति संवेदनशील बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस वृक्षबंधन उत्सव के माध्यम से हम अपने छात्रों को पर्यावरण की रक्षा और सततता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं.”

विभाग की यात्रा और पर्यटन के दूसरे वर्ष के छात्र क्लिफोर्ड गुमिरेशे, जो जिम्बाब्वे से हैं, ने भी इस पहल में भाग लिया और संकल्प लिखा. उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सीमाओं को पार करता है. पूरी मानव जाति को मिलकर ग्रह की रक्षा करनी चाहिए. हमने भारतीय परंपरा में प्रकृति के प्रति प्यार और देखभाल को मानते हुए इस पहल की शुरुआत की है.”