उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण  के क्षेत्र में आर्थिक मदद का मार्ग और प्रशस्त

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इंदौर। राज्य सरकार ने कृषि के साथ उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण  के क्षेत्र में किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए आर्थिक मदद का मार्ग और प्रशस्त कर दिया है। इस कारण यह क्षेत्र प्रदेश के किसानों और नौजवानों के लिए अतिरिक्त आय का सशक्त माध्यम बन गए हैं। उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण के कारोबार को अपनाने से बेरोजगार युवक भी स्वावलम्बी बन रहे हैं।

इस बारे में उद्यानिकी आयुक्त डॉ. एम. कालीदुरई ने कृषक जगत को बताया कि सरकार ने उद्यानिकी में सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों की अनुदान राशि को 50 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया है। इससे अब किसानों को प्रति हेक्टेयर 70 हजार रूपये तक अनुदान मिल रहा है। अनुदान में बीज के साथ प्लास्टिक क्रेट और बेल वाली सब्जियों फसलों के मंडप बनाने की सामग्री पर भी अनुदान मिल रहा है। इससे किसानों को उद्यानिकी उत्पादों को खेत से मंडी तक ले जाने में होने वाले फसल नुकसान में 20 से 25 प्रतिशत कमी आने के साथ ही फसल उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी रहने से मंडी में अधिक कीमत भी मिल रही है। किसानों की मांग पर सरकार ने अब बेल वाली फसलों की मंडप निर्माण सामग्री पर 7 से 12 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से दो हैक्टेयर तक खेती करने पर अनुदान देने का भी निर्णय लिया है। इससे फसल के उत्पादन के समय में 6 से 7 माह की वृद्धि के साथ ही उत्पादन की गुणवत्ता बेहतर होने से बाजार में दाम भी 20 से 25 प्रतिशत अधिक मिलेंगे। इस तरह करेला, गिलकी, लौकी आदि की फसलों से किसानों को प्रति हेक्टेयर 2 से 3 लाख रूपये की आय होगी।

उद्यानिकी आयुक्त ने यह जानकारी भी दी कि प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण की सम्भावनाओं को देखते हुए इस वर्ष से होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले में 1000 एकड़ में आम की तोतापरी किस्म का रोपण किया जा रहा है। इसमें किसानों के प्रक्षेत्रों पर 56 हजार रूपये प्रति एकड़ अनुदान सहायता प्रदान कर पौधा-रोपण की विशेष योजना लागू की गई है। इस योजना को अगले वर्ष अन्य जिलों में भी विस्तार दिया जाएगा। इस किस्म के आम पौधा-रोपण से किसानों को एक से डेढ़ लाख रूपये प्रति एकड़ तक आय प्राप्त होगी, वहीं प्रदेश में आम प्र-संस्करण की औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा। साथ ही प्रदेश में इस वर्ष से मुख्यमंत्री खाद्य प्र-संस्करण योजना लागू की गई है।