बकरी के दूध और कई तेलों से बनाया कॉस्मेटिक प्रोडक्ट,हासिल हुआ पेटेंट

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बकरी के दूध समेत कई तरह के तेलों के इस्तेमाल वाले अनूठे फॉर्मूलेशन से बनाए गए कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को पेटेंट मिला है. राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च और परीक्षणों के बाद यह फॉर्मूलेशन बनाने में कामयाबी हासिल की है. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कहा कि यह फॉर्मूलेशन पूरी तरह से प्राकृतिक पदार्थों को मिलाकर बनाया गया है, जो सिंथेटिक कॉस्मेटिक प्रोडक्ट से होने वाले नुकसान को कम करने में मददगार साबित होगा. 

वेटरनरी विश्वविद्यालय को हासिल हुआ पेटेंट

राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर को इनोवेटिव कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के लिए पेटेंट मिला है. पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया (उदयपुर) के एनाटॉमी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. हेमन्त जोशी ने सिरोही बकरी के दूध और प्राकृतिक तेलों जैसे जैतून, नारियल, करंज, अरंडी के तेलों के संयोजन से अनूठे फार्मूले को विकसित किया है, जिसके इस्तेमाल से कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाया गया है.

केमिकल कॉस्मेटिक से होने वाले नुकसान से बचाएगा 

सहायक आचार्य डॉ. हेमन्त जोशी ने बताया कि ये अविष्कार नेचुरल पदार्थों के संयोजन से तैयार किया गया है, जो कि सिंथेटिक कॉस्मेटिक उत्पादों से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में सहायक होगा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक वस्तुओं के इस्तेमाल से बने इस अनूठे फॉर्मूलेशन कॉस्मेटिक प्रोडक्ट को भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से “प्रसाधन सामग्री संघटन एवं प्राप्त करने की प्रक्रिया (कॉस्मेटिक कंपोजिशन एण्ड प्रोसेस टू ऑब्टेन देयरऑफ)” विषय पर राजुवास को पेटेंट सौंपा गया है. यह पेटेंट 24 अप्रैल 2020 से 20 वर्षों की अवधि के लिए मान्य होगा. 

कई अन्य प्रोडक्ट को जल्द मिलेगा पेटेंट 

वेटरनरी विश्वविद्यालय राजुवास के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि आज समाज को गुणवत्तापूर्ण शोध की आवश्यकता है. हमारे शोध का सीधा-सीधा लाभ आमजन और पशुपालकों को पहुंचाना ही हमारा उद्देश्य है. वेटरनरी विश्वविद्यालय के कई अन्य शोध भी पेटेंट के लिए पाइपलाइन में हैं, कई को जल्द ही पेटेंट हासिल होने की संभावना है. उन्होंने अनूठे फॉर्मूलेशन के लिए रिसर्च टीम को बधाई दी. 

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