आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा ओडिशा

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ओडिशा आलू के लिए अब पश्चिम बंगाल सहित दूसरे राज्यों पर अपनी निर्भरता कम करेगा. इसके लिए ओडिशा की बीजेपी सरकार ने प्रदेश में आलू का रकबा और उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘राज्य आलू मिशन’ को फिर से धराताल पर लागू करने का फैसला किया है. उसे उम्मीद है कि इस मिशन से ओडिशा आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा. हालांकि, पूर्व बीजद सरकार ने एक दशक पहले ही ‘राज्य आलू मिशन’ को शुरू किया था. लेकिन मिशन के तहत आलू की खेती करने वाले किसानों को लागत के मुकाबले प्रोत्साहन राशि नहीं मिली. साथ ही राज्य में कोल्ड स्टोरेज में सुविधाओं की कमी के चलते किसानों ने धीरे-धीरे आलू की खेती से दूरी बना ली. ऐसे में राज्य आलू उत्पादन में पिछड़ते चला गया.मंत्री ने कहा कि बीजद सरकार ने आलू मिशन शुरू किया था, लेकिन इसे उचित तरीके से लागू करने में विफल रही. यह मिशन 2014-15 में शुरू किया गया था. इस उद्देश्य के लिए गठित एक टास्क फोर्स ने क्लस्टर क्षेत्रों में आलू की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करने की सिफारिश की थी, जिसे 2014-15 में 5,000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 2017-18 में 20,000 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव था.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने ओडिशा राज्य बीज निगम (ओएसएससी) को 1.87 लाख क्विंटल प्रमाणित आलू के बीज खरीदने का निर्देश दिया है. निगम ने पहले ही पंजाब और उत्तर प्रदेश के नामी व्यापारियों को 1.77 लाख क्विंटल बीज की आपूर्ति के लिए ऑर्डर दे दिया है. बागवानी निदेशक निखिल पवन कल्याण भी व्यापारियों द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले बीजों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए दोनों राज्यों में गए थे, जिन्हें निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया है.

14,423 हेक्टेयर में होगी आलू की खेती

खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश के जिलों में 1.77 लाख क्विंटल आलू के बीज पहुंचाए गए हैं और 14 अक्टूबर से आपूर्ति शुरू हो जाएगी. सरकार ने रबी सीजन में 14,423 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती करने की योजना बनाई है और सभी उप-मंडलों में कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के बाद चरणों में और अधिक क्षेत्रों को कवर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि समान संख्या में उप-मंडलों में 58 कोल्ड स्टोरेज बनाने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

साल 2014 में शुरू किया गया था मिशन

मंत्री ने कहा कि बीजद सरकार ने आलू मिशन शुरू किया था, लेकिन इसे उचित तरीके से लागू करने में विफल रही. यह मिशन 2014-15 में शुरू किया गया था. इस उद्देश्य के लिए गठित एक टास्क फोर्स ने क्लस्टर क्षेत्रों में आलू की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करने की सिफारिश की थी, जिसे 2014-15 में 5,000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 2017-18 में 20,000 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव था. यह मिशन इसलिए सफल नहीं हो पाया क्योंकि कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के अभाव में किसान आलू का व्यावसायिक उत्पादन करने से कतरा रहे थे.

ई-केवाईसी सत्यापन में 15 दिन और लगेंगे

पात्रा ने 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की मुफ्त आपूर्ति के केंद्र के फैसले की भी सराहना की और कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कवर नहीं होने वाले पात्र लोगों को राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में चावल उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रचलन में मौजूद राशन कार्डों के ई-केवाईसी सत्यापन में 10 से 15 दिन और लगेंगे.