हरियाणा के सोनीपत के बड़ी नामक स्थान पर बन रहा मेगा फूड पार्क का काम 31 मार्च 2022 तक पूरा हो जाएगा. इस पर लगभग 169 करोड़ रुपये की लागत आएगी. जबकि सोनीपत के गन्नौर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार पर 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह मंडी 545 एकड़ जमीन पर बनाई जा रही है. इसके लिए पैसा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक दे रहा है.
इस बात की जानकारी मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता मेंवित्त वर्ष 2021-22 के लिए हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में दी गई. बैठक में नाबार्ड द्वारा फंडेड परियोजनाओं और विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई.
माइक्रो इरीगेशन के चार प्रोजेक्ट मंजूर
बैठक में बताया गया कि सूक्ष्म सिंचाई फंड (Micro Irrigation Fund) के तहत नाबार्ड ने 790 करोड़ रुपये के चार प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान की है. जिनमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और माइक्रो इरिगेशन एवं कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (मिकाडा) की परियोजनाएं शामिल हैं.
वित्त एवं आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने बैठक में सूक्ष्म सिंचाई, भंडारण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing), डेयरी प्रसंस्करण और मत्स्य के बुनियादी ढांचा फंड के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट फंड (RIDF) के तहत ब्याज की दर सिर्फ 2.75 प्रतिशत है, इसलिए अधिक से अधिक योजनाओं को नाबार्ड के तहत शुरू किया जाए.
नाबार्ड ने पहले से अधिक पैसा दिया
हरियाणा को वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में नाबार्ड ने 44 प्रतिशत अधिक आर्थिक मदद दी है. राज्य सरकार ने वर्ष 2019-20 में 715 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 1030 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त की, जो प्रदेश में हो रही उन्नति को दर्शाता है. मुख्य सचिव ने नाबार्ड के तहत चलाए जा रहे सभी प्रोजेक्ट को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
नाबार्ड ने कितना अप्रूव्ड किया
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021-22 के दौरान नाबार्ड द्वारा परियोजनाओं के लिए 1800 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 1242 करोड़ रुपये अप्रूव्ड किए जा चुके हैं. इसी प्रकार, 1400 करोड़ रुपए के वितरण लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 536 करोड़ रुपये से अधिक की अदायगी नाबार्ड द्वारा की जा चुकी है.
मुख्य सचिव ने वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड की परियोजनाओं के लिए 1100 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 1129.61 करोड़ रुपये (102 प्रतिशत) की परियोजनाएं अनुमोदित करने के लिए प्रशासनिक सचिवों और नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की.
बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा एवं मत्स्य विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.