पहले नीलगाय कभी-कभी अपने वातावरण यानी जंगलों से भटक कर खेतों में आ जाती थी. लेकिन अब नीलगाय आपको देश के लगभग देश हर राज्यों में दिख जाएंगी. उनका फसलों पर बढ़ता आतंक भी दिन पर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है. नीलगायों के आतंक से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है क्योंकि नीलगाय खेतों में लगी फसलों को चरने से ज्यादा फसलों को रौंद देती हैं. इससे किसानों के हजारों रुपये की लागत और कड़ी मेहनत से तैयार होती फसल बर्बाद हो जाती है. वर्तमान समय में किसानों को सबसे अधिक नुकसान नीलगाय से हो रहा है.
इनके आतंक से बचने के लिए किसान अपने खेतों में अलग-अलग प्रकार के कई उपाय करते हैं. लेकिन अब नीलगाय के आतंक से परेशान किसान कुछ टिप्स को अपनाकर अपनी फसलों को बर्बाद होने से बचा सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं ये आसान टिप्स जिनसे आपके खेत में नीलगाय नहीं आएगी.
क्या है ‘कपड़ा लपेट विधि’
किसान नीलगाय को अपने खेतों से दूर भगाने के लिए खेत की मेड़ों पर गेंदे के पौधे लगा सकते हैं. इसे लगाने से खेत के आसपास नीलगाय नहीं आते हैं क्योंकि गेंदा के पौधे भी रात में कपड़ा लपेटे मानव की आकृति की तरह दिखते हैं. आप चाहें तो मेड़ पर गेंदे के पौधे पर कपड़ा या चादल लपेट सकते हैं जिससे कि नीलगायों में डर हो. नीलगायों को ऐसा आभास हो कि खेत के मेड़ पर कोई बैठा है. दरअसल गेंदे के पौधे 4-5 फीट तक लंबे हो जाते हैं जिससे जानवरों को ऐसा लगता है कि मेड़ पर कोई बैठा है. इसके कारण नीलगाय खेत में नहीं आती हैं. साथ ही खेत की मेड़ पर गेंदे के पौधे लगाने से दलहन और तिलहन फसलों को फायदा भी होता है.
फसल बचाने के लिए अन्य उपाय
नीलगाय के आतंक से बचने के लिए आप कई अन्य टिप्स भी अपना सकते हैं. इसमें आप अपने खेतों की मेड़ पर करौंदा, तुलसी, मेथा या फिर लेमन ग्रास का पौधा लगा सकते हैं. इन पौधों के सुगंध से भी नीलगाय आपके खेतों में नहीं घुसेंगी. इन सभी उपायों से आप अपनी फसलों को नीलगाय के आतंक से बचा सकते हैं.
नीलगाय के आतंक से किसान परेशान
नीलगाय के आतंक से कई राज्यों के किसान काफी परेशान हैं. वहीं बिहार सरकार ने तो उनको मारने के लिए शूटर भी नियुक्त कर दिए थे. बिहार के अलावा पड़ोसी राज्य यूपी और मध्य प्रदेश में भी नीलगायों का आतंक देखने को मिल रहा है. वैसे तो नीलगाय जंगलों में पाई जाती है, लेकिन आज कल ये फसलों से भरे खेतों में देखने को मिलने लगी हैं. ये नीलगाय काफी खतरनाक होती है क्योंकि ये जानवरों के लिए लगाए जाने वाले बाड़ों को भी तोड़ देती हैं. इनके खेतों में झुंड में घूमने से फसलों को काफी नुकसान होता है जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.