मलेशिया ने भारत से मांगा चीनी, चावल और प्याज,भारत में कृषि उत्पादन के निर्यात पर बैन लगाना मलेशिया के लिए अच्छा नहीं 

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मलेशिया ने निर्यात प्रतिबंधों के बीच भारत से चावल और चीनी का एक्सपोर्ट करने का अनुरोध किया है. मलेशिया के बागान और कमोडिटी मंत्री सेरी जोहारी अब्दुल गनी ने कहा है कि उनका देश चावल और चीनी जैसी वस्तुओं के आयात को सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ समझौता करना चाहेगा. इसके अलावा वह पाम ऑयल का निर्यात भी करेगा. उन्होंने कहा कि हालांकि, इंडिया में चीनी और चावल के निर्यात पर बैन लगा हुआ है. इसके बावजूद भी उसे अपने मित्र देश के लिए चावल और चीनी के निर्यात के लिए ऐसी व्यवस्था जारी रखनी चाहिए.

सेरी जोहारी अब्दुल गनी ने कहा कि भारत में कृषि उत्पादन के निर्यात पर बैन लगाना मलेशिया के लिए अच्छा नहीं है. हमें चीनी, बासमती चावल और प्याज की जरूरत है. इसलिए इंडिया को अपने मित्र देश को इनका निर्यात का आदेश देकर मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा घरेलू चावल उत्पादन हमारी जरूरत का सिर्फ 65 फीसदी पूरा करता है. ऐसे में हमारे देश में बासमती चावल की मांग बढ़ रही है, क्योंकि मलेशिया में करीब 25 प्रतिशत लोग बासमती चावल खाना पसंद करते हैं. ऐसे में हमारा मानना ​​है कि भारत मलेशिया के लिए इन आवश्यक वस्तुओं की कुछ मात्रा आवंटित कर सकता है, भले ही इनके निर्यात के ऊपर बैन क्यों न लगा हो.

क्या बोले मलेशिया के मंत्री

जोहारी ने यह स्पष्ट किया कि मलेशिया ‘किसी भी वस्तु विनिमय’ प्रणाली के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि 2023 (जनवरी-दिसंबर) में मलेशिया के 14.8 मिलियन टन (एमटी) पाम ऑयल निर्यात में से लगभग 3.7 मिलियन टन भारत द्वारा खरीदा गया था. ऐसे में मलेशिया को उम्मीद है कि 2024 में पाम ऑयल निर्यात में मामूली वृद्धि होगी और यह 15 मिलियन टन हो जाएगा और भारत को शिपमेंट का स्तर पिछले साल जितना ही होगा.

मलेशिया के समर्थन की पेशकश 

इससे पहले जोहरी ने भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और अपने खाद्य तेल सुरक्षा लक्ष्यों में “आत्मनिर्भर” बनने के भारत के प्रयासों में मलेशिया के समर्थन की पेशकश की. भारत ने पहले ही ऑयल पाम मिशन शुरू कर दिया है और जल्द ही आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए तिलहन मिशन की घोषणा करेगा. जोहरी ने एक बयान में कहा कि मलेशिया पाम ऑयल की खेती के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अमूल्य समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार है. मलेशिया के पाम ऑयल क्षेत्र में भारत के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है. यह साझेदारी वैश्विक खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं और स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सार्थक योगदान देगी.

भारत में 7.34 टन अतिरिक्त खपत

ऐसे भारत में तेल और वसा की प्रति व्यक्ति खपत पिछले दशक में 15.8 किलोग्राम से बढ़कर 19 किलोग्राम हो गई है, जबकि वैश्विक खपत 30 किलोग्राम/प्रति व्यक्ति है. यह वृद्धि भारत में 7.34 मीट्रिक टन की अतिरिक्त खपत को दर्शाती है और यह प्रवृत्ति जारी रहने वाली है क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है. जौहरी ने मलेशिया में रह रहे विवादास्पद भारतीय धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के प्रत्यावर्तन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.