मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के विरोध के बाद मूंग खरीद को दी हरी झंडी

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मध्‍य प्रदेश में पिछले कई दिनों से चला आ रहा जायद मूंग फसल की खरीद का विवाद शुक्रवार देर रात थम गया. राज्‍य की मोहन यादव सरकार ने मूंग खरीद को हरी झंडी दे दी है. साथ ही राज्‍य सरकार अब जायद उड़द की खरीद भी करेगी. काफी समय से किसान मूंग खरीद शुरू न किए जाने को लेकर विरोध जता रहे थे. इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसानों ने राहत की सांस ली है. सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है.

उन्‍होंने कहा कि मध्यप्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द के उपार्जन (खरीद) के लिए 19 जून से रजिस्‍ट्रेशन शुरू होंगे. इस बारे में मेरी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात हुई है. उपार्जन के लिए राज्य की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं, भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने सीएम मोहन यादव से मुख्‍यमंत्री निवास में मुलाकात कर इस फैसले के लिए आभार जताया. कमल सिंह आंजना ने कहा कि 19 जून से मूंग खरीदी के लिए रजिस्‍ट्रेशन शुरू होंगे. 

सरकार कांग्रेस के दबाव के आगे झुकी: कमलनाथ 

राज्‍य सरकार के इस फैसले के बाद राज्‍य के पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सोशल मीडिया पोस्‍ट में कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार मध्य प्रदेश सरकार पर दबाव बना रही थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद शुरू की जाए. आखिरकार सरकार को इस दबाव के आगे झुकना पड़ा और कुंभकरण की नींद से जागकर सरकार ने मूंग खरीद के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है.

मूंग किसानों को बदनाम किया गया’

कमलनाथ ने प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए कहा कि दोनों ने राज्‍य के मूंग उगाने वाले किसानों को पूरे देश में बदनाम किया है. बार-बार इस तरह के बयान दिए गए कि मध्य प्रदेश के किसान जहरीला मूंग पैदा कर रहे हैं. आगे कमलनाथ ने एमपी सरकार से कहा कि मैं सरकार को आगाह करता हूं कि मूंग खरीदी की प्रक्रिया ना सिर्फ समय रहते शुरू कर दी जाए, बल्कि यह तय किया जाए कि मूंग खरीद बिना किसी रुकावट के हो सके और भीषण गर्मी में किसानों को परेशान न होना पड़े.

जीतू पटवारी ने फसलों के भाव बढ़ाने का उठाया मुद्दा

वहीं, मध्‍य प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष ने भी मूंग खरीद को हरी झंडी देने के फैसले पर कहा कि यह किसानों की जीत है. सरकार काे किसानों की एकता के आगे झुकना पड़ा. उन्‍होंने इस फैसले के लिए राज्‍य सरकार को धन्‍यवाद दिया. लेकिन, अब उन्‍होंने प्रदेश सरकार से फसलों के लिए वादे के अनुसार भाव देने का मुद्दा उठाया.

उन्‍होंने सीएम मोहन यादव से पूछा कि उनकी सरकार किसानों को धान फसल पर 3100 रुपये प्रत‍ि क्विंटल, गेहूं पर 2700 रुपये प्रति क्विंटल और सोयाबीन पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव कब देगी. मालूम हो कि साल 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने फसलों के भाव को लेकर घोषणापत्र में कई वादे किए थे. कांग्रेस उन मुद्दों पर लगातार सरकार को घेर रही है.

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