किसान अब पारम्परिक खेती छोड़ आधुनिक खेती कर रहे हैं. जिससे कि उनकी कमाई में भी वृद्धि हो रही है. यदि कोई किसान ऐसी किसी फसल की तलाश में हैं वे हींग की खेती कर सकते हैं. हींग की सालभर डिमांड रहती है. इस महंगाई के दौर में हींग की खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.सर्दियों का मौसम हींग की खेती के लिए बेहतर माना जाता है. इसके अलावा बालू मिट्टी इस खेती के लिए बेस्ट मानी जाती है. इसके साथ ही 20 से 30 डिग्री तापमान होना चाहिए.
सर्दियों का मौसम हींग की खेती (Asafoetida cultivation) के लिए बेहतर माना जाता है. इसके अलावा बालू मिट्टी इस खेती के लिए बेस्ट मानी जाती है. इसके साथ ही 20 से 30 डिग्री तापमान होना चाहिए. खेतों में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. जो भी अपने खेतों में हींग के पौधे रोपना चाहते हैं वे अगस्त महीने से लेकर सितंबर महीने के बीच रोपाई कर सकते हैं. हींग की कई प्रजातियां होती है.
हींग सौंफ मूल से ईरान का पौधा माना जाता है. जो एशिया से लेकर भूमध्य सागर एरिया में पाए जाते हैं. अभी हमारे देश में पंजाब और कश्मीर के कुछ हिस्सों में हींग की खेती होती है. इनके पौधों की लंबाई 1-1.5 मीटर होती है.
ध्यान रखें की हींग की खेती ठंडी जगह पर होती है. इसलिए इनके पौधों को धूप से बचाना जरूरी है. नहीं तो पौधा नष्ट हो सकता है. उनके पौधों को छायादार जगह पर ही रखा जाता है. क्योंकि पौधे की जड़ों से रस निकालकर गोंड और स्टार्च निकालकर हींग का निर्माण किया जाता है.
इन देशों में मुख्य रूप से होती है हींग की खेती
मुख्य रूप से हींग की खेती बलूचिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान में होती है. और बलूचिस्तान में होती है. इसकी खेती के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान सही माना जाता है.इन्हें अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती.
कितनी आती है लागत
हींग की खेती करने के लिए एक हेक्टेयर जमीन में लगभग तीन लाख रुपये की लागत आ सकती है. पांच साल में दस लाख रुपये तक का मुनाफ़ा कमाया जा सकता है. एक किलो हींग का बाजार में 40 हजार रुपये किलो से लेकर के 45 हजार रुपये प्रति किलो भाव होता है.