खरीफ सीजन का आलू का रकबा बढ़ा

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बारिश के साथ ही अधिक मांग ने आलू की कीमतों को बढ़ा दिया है. पश्चिम बंगाल की प्रमुख आलू किस्म ज्योति की थोक कीमतों में 7 फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी आलू की कीमत में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. जबकि, दिल्ली की आजादपुर मंडी में औसत कीमतें स्थिर बनी हुई हैं लेकिन अधिकतम कीमतों में इजाफा हुआ है. अनुमान है कि बारिश के चलते दिल्ली में आवक प्रभावित होगी, जिससे अगले कुछ सप्ताह में कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है. हालांकि, सरकार ने आलू की पर्याप्त उपलब्धता बताते हुए कीमतें स्थिर रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, अगले कुछ सप्ताह में कोल्ड स्टोरेज से आलू का स्टॉक मंडियों में आना शुरू हो जाएगा, जिसके बाद कीमतें नीचे आ सकती हैं. 

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस साल 273.2 लाख टन रबी आलू कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक की गई है. यह स्टॉक खपत की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. मार्च से दिसंबर तक स्टोरेज के दौरान कोल्ड स्टोरेज से निकलने वाली आलू की दर आलू की कीमतें को नियंत्रित करती हैं. अप्रैल, मई और जून के मुकाबले जुलाई में आलू की खपत कम हुई है, लेकिन कीमतों में उछाल देखा गया है. क्योंकि, मंडियों में कोल्ड स्टोरेज में रखी गई आलू का स्टॉक अभी आना शुरू नहीं हुआ है. अनुमान है कि अगले कुछ सप्ताह में कोल्ड स्टोरेज से आवक शुरू हो जाएगी, जिसके बाद कीमतें नियंत्रण में आ जाएंगी. 

रबी आलू की फसल का रकबा 12 फीसदी बढ़ा 

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार खरीफ मौसम के लिए आलू का रकबा पिछले साल के बुआई रकबे से करीब 12 फीसदी अधिक होगा और कोल्ड स्टोरेज में रबी आलू की मात्रा खपत की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. आलू मूल रूप से रबी की फसल है, लेकिन कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मेघालय, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कुछ मात्रा में खरीफ आलू का उत्पादन होता है. सितंबर से नवंबर के दौरान कटाई की जाने वाली खरीफ आलू की फसल बाजार में उपलब्धता बढ़ाती है. खरीफ सीजने के लिए हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड ने लगभग पूरे टारगेट बुवाई रकबा कवर कर लिया है, जबकि कर्नाटक और अन्य राज्यों में बुवाई की प्रगति अच्छी है. 

दिल्ली में अगले कुछ हफ्तों में दाम बढ़ने की आशंका 

एशिया की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार आजादपुर मंडी में जुलाई में आलू की औसत थोक कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अधिकतम कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है. एक्सपर्ट ने कहा है कि बारिश के चलते मंडी में आवक प्रभावित होने पर कीमतों में उछाल आने का अनुमान है. मंडी में आलू की औसत कीमत 1000 रुपये प्रति क्विंटल तो अधिकतम थोक कीमतें 4000 रुपये प्रति क्विंटल चल रही हैं. 

उत्तर प्रदेश में आलू की थोक कीमत में उछाल 

उत्तर प्रदेश की लखनऊ मंडी में आलू की थोक कीमतों में 7 दिनों के दौरान 7 फीसदी से अधिक का उछाल दर्ज किया गया है. सरकारी एग्रीकल्चर कमोडिटी प्लेटफॉर्म AgMarknet के आंकड़े बताते हैं कि 1 जुलाई को लखनऊ मंडी में अधितकम थोक कीमतें 2090 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 8 जुलाई को 2250 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गईं. जबकि, औसत कीमतों में 3 फीसदी का इजाफा देखा गया है. 2 जुलाई को आलू की औसत कीमत 2075 रुपये प्रति क्विंटल थी जो 8 जुलाई को 3 फीसदी बढ़कर 2150 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई हैं. 

ज्योति किस्म आलू 7 फीसदी महंगी हुई 

पश्चिम बंगाल के कोलकाता की थोक मंडी बड़ा बाजार में प्रमुख आलू किस्म ज्योति की थोक औसत कीमत में 7 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. आंकड़ों के अनुसार 1 जुलाई 2024 को आलू की ज्योति किस्म 2700 रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर थी जो 5 जुलाई को 7 फीसदी बढ़कर 2900 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है. कई राज्यों में मौजूदा बारिश और बाढ़ के हालात को देखते हुए आलू की कीमत में उछाल की आशंका जताई गई है.