मटर जो आपके खाने के स्वाद को दोगुना कर देती है, अब मटर की यही हरियाली किसानों के जीवन में भी समृद्धि ला रही है. जबलपुर जिले में ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत मटर की फसल का चयन किया गया था जो आज किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. जबलपुर के किसान अब मटर की खेती कर समृद्ध किसान बन चुके हैं. यहां के अधिकांश किसान सीमांत किसान होने के बावजूद मटर की खेती का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं. किसान बताते हैं कि मटर की खेती से जो लाभ हुआ, उससे उन्होंने खुद के कृषि उपकरण खरीद लिए हैं. मटर की फसल ने उनके जीवन को ही बदल कर रख दिया है.
‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत मटर की खेती करने वाले किसानों को न केवल प्रोत्साहन दिया जा रहा है बल्कि उनकी फसल को देश विदेश तक भी पहुंचाया जा रहा है. जबलपुर का मटर पूरी एशिया में प्रसिद्धि हासिल कर चुका है. आज जबलपुर जिले के मटर की मांग दुबई, मलेशिया, सिंगापुर जैसे देशों में हो रही है. ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के तहत जबलपुर जिले में मटर की प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की गई है जिसके जरिए छोटे और सीमांत किसान भी अपनी फसल को आसानी से बेच सकते हैं.
जबलपुर की मटर मशहूर
मटर की खेती केवल सर्दियों के मौसम में होती है. ऐसे में साल भर तक मटर लोगों को उपलब्ध हो सके, इसके लिए मटर प्रोसेसिंग यूनिट के जरिए मटर की प्रोसेसिंग कर उसे सुरक्षित रखा जाता है. इससे किसानों को बड़ा लाभ पहुंच रहा है. एक किसान रामलाल पटेल ने बताया कि मटर की खेती से उन्हें अच्छा लाभ हुआ है और आगे भी वे फायदे की उम्मीद जता रहे हैं.
जबलपुर जिले में मटर की फसल को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. आज सरकार के प्रयासों से जबलपुर जिले अकेले में ही 10 लाख क्विंटल से ज्यादा का मटर उत्पादन होता है. जबलपुर जिले में तकरीबन 80 हजार हेक्टेयर में मटर की खेती की जाती है जिससे हजारों किसान लाभान्वित हो रहे हैं. किसानों से मटर की फसल को खरीदने के लिए जगह-जगह मटर मंडी स्थापित की गई है जहां किसान आसानी से अपनी फसल को बेच रहे हैं.
देश-विदेश में बनाई धाक
जबलपुर की मटर अब केवल मध्य प्रदेश में ही मशहूर नहीं है बल्कि देश के अन्य राज्यों के अलावा विदेशों में भी प्रसिद्ध हो गई है. जबलपुर की मंडी की बात करें तो हर दिन सैकड़ों ट्रक मटर से लदे यहां पहुंच रहे हैं. फिर यहां से मटर की खेप निकल कर अन्य राज्यों में सप्लाई होती है. इससे किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को भी खूब फायदा हो रहा है. यहां तक कि आवक इतनी अधिक है कि पुरानी मंडियां छोटी पड़ रही हैं और नई मंडियों की मांग हो रही है.
यहां की सबसे बड़ी मंडी की बात करें तो वह 17 एकड़ में फैली है, लेकिन मटर की आवक को देखते हुए उसका एरिया छोटा पड़ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक जबलपुर में हर साल तकरीबन 1200 करोड़ रुपये की मटर बेची जाती है. जिस तरह से ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत मटर की खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, उससे आने वाले समय में इसकी खेती और इसकी पैदावार और भी बढ़ने की संभावना है. इससे किसानों और व्यापारियों दोनों को फायदा होगा.