भारत ने म्यांमार से ड्यूटी फ्री मक्‍का का आयात शुरू , भारत पहुंची मक्‍का की ड्यूटी फ्री खेप

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भारत ने पड़ोसी देश म्यांमार से ड्यूटी फ्री मक्‍का का आयात शुरू कर दिया है. तमिलनाडु के थूथुकुडी में वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर अब तक कम से कम तीन जहाज आ चुके हैं और जुलाई के अंत तक कुछ और जहाज डेरा डालने वाले हैं. तमिलनाडु के पोल्‍ट्री फार्मर्स मार्केटिंग सोसायटी की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. इस साल की शुरुआत में खबर आई थी कि सरकार की तरफ से पिछले इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने और फ्यूल ब्‍लेंडिंग (ईंधन मिश्रण) लक्ष्य को पूरा करने के लिए मक्का का प्रयोग करने की बात कही गई थी. इसके बाद से ही व्यापारी म्यांमार से मक्का आयात करने पर विचार करने लगे थे. 

अभी और आएंगे 10 जहाज 

अखबार बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार म्‍यांमार से मक्‍का की खेप आनी शुरू हो गई है. तमिलनाडु एग पोल्‍ट्री फार्मर्स मार्केटिंग सोसायटी के प्रेसीडेंट वांगिली सुब्रहमण्‍यम के हवाले से अखबार ने लिखा है कि म्‍यांमार के साथ डील होने के बाद तीन जहाज पहले ही आ चुके हैं. 10 और जहाज डील के तहत आने हैं. शुरुआत में आयात 268 डॉलर टन था लेकिन अब कीमतें बढ़ गई हैं. बिजनेस लाइन ने ओलम एग्रो इंडिया लिमिटेड के कंट्री हेड संजय संचेती के हवाले से लिखा है कि कीमतें अब चढ़ चुकी हैं. 

एग्री कमोडिटीज एक्‍सपोटर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम मदन प्रकाश कहते कि उन्‍हें म्‍यांमार से आए 10 हजार टन म्‍यांमार मक्‍का  खरीदने की पेशकश की गई थी और इसकी कीमत 286 डॉलर थी. लेकिन उन्‍होंने इसे इतनी कीमत पर नहीं खरीदा. उनकी फर्म रजती ग्रुप मक्‍का जैसी बाकी कृषि उत्‍पादों के आयात-निर्यात में डील करती है. 

क्‍यों मिली ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की मंजूरी 

ओलम उन कुछ अंतरराष्‍ट्रीय फर्म में हैं जो मक्‍का को देश में लेकर आ रही हैं. एक अधिकारी ने बताया कि म्‍यांमार से ड्यूटी फ्री आयात को मंजूरी मिली है क्‍योंकि इसे सबसे कम विकसित देश समझा जाता है. अगर इसी मक्‍के का आयात किसी और देश से होता तो फिर इस पर कस्‍टम विभाग की तरफ से 60 फीसदी ड्यूटी के अलावा पांच फीसदी आईजीएसटी और 10 फीसदी सोशल वेलफेयर सरचार्ज भी लगाया जाता. 

हालांकि केंद्र की तरफ से आयात में 15 फीसदी कंसेशनल ड्यूटी लगाई गई है जिसे टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्‍यू) के तौर पर जानते हैं. मक्‍के का आयात तभी ड्यूटी फ्री होता है जब इसे स्‍टार्च के तौर पर फिर से इंपोर्ट किया जाए. कहा जा रहा है कि म्‍यांमार के साथ डील साइन होने के बाद मक्‍के के आयात में तीन लाख टन का इजाफा हुआ है. अधिकारियों की मानें तो मक्‍के की पहली खेप स्‍टार्च के तौर पर आई थी. जबकि दूसरी खेप इथेनॉल उत्‍पादन के लिए थी. 

क्‍या हैं बाजार में मक्‍का कीमतें 

अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु में पोल्‍ट्री सेक्‍टर में इसकी मांग है. कुछ पोल्‍ट्री फर्म्‍स ने आयातित मक्‍के को खरीद लिया है. ट्रेड सूत्रों की मानें तो मक्‍के की अच्‍छी खासी माग है. स्‍टार्च और एथेनॉम बनाने वालों के साथ ही साथ पोल्‍ट्री सेक्‍टर में भी इसकी मांग है. फिलहाल एग्रीकल्‍चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटिंग (एपीएमसी) में मक्‍के की औसत कीमत 2091 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि  न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी)  2090 रुपये प्रति क्विंटल है.  

वहीं मध्‍य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्‍ट्र और कर्नाटक में इसकी कीमत 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक है. जबकि इसी समय पिछले साल इसकी कीमत 1700 रुपये तक थी. विशेषज्ञों की मानें तो पूर्वी और दक्षिणी हिस्‍से के किसान जलवायु परिवर्तन की वजह से पिछले दो सालों से प्रभावित हुए हैं. व्‍यापारियों का भी कहना है कि मक्‍के की फसल मौसम समेत कई और वजहों से प्रभावित हुई है. ऐसे में इन राज्‍यों में मक्‍के की खेती 10 फीसदी तक कम रह सकती है.