भारत कार्बन-मुक्त बनने की राह पर: JLR India

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टाटा मोटर्स (Tata Motors) की इकाई ब्रिटिश लक्जरी ब्रांड जगुआर लैंड रोवर (JLR) वर्ष 2030 तक भारत में 6 नए ईवी पेश करने को तैयार है।सोहिनी दास के साथ एक साक्षात्कार में जेएलआर इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन अंबा ने कहा कि आईसीई वाहनों के लिए मांग बनी हुई है, लेकिन ग्राहक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

-आप दुनिया भर में प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों पर जोर दे रहे हैं। भारत के लिए आपकी क्या योजना है?

हम यह भारत में अपने ग्राहकों को मुहैया कराते हैं। मगर, इस देश में पेट्रोल-डीजल वाहनों की मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है। हमारी नजर मांग वाले उत्पादों पर रहेगी, जिनमें रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट शामिल हैं। भारत में हमारे पास पहले से ही एक कार के लिए करीब 400 बुकिंग हैं। हमें रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट में अपना निवेश बढ़ाना होगा।

-पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने की योजनाओं के बारे में बताएं।

हमारे पास अगले साल के अंत तक रेंज रोवर के साथ संपूर्ण ईवी रेंज होगी, उसके बाद अगले कुछ महीनों में रेंज रोवर स्पोर्ट भी एक ईवी है और फिर पहले नए जगुआर को भी 2025-26 की दूसरी छमाही में पेश कर दिया जाएगा। 2030 तक, हमारे पास 9 संपूर्ण ईवी होंगे, जिनमें से 6 अगले चार साल में आएंगे।

हम कार्बन मुक्त बनने की राह पर तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें यह देखना होगा कि क्या हम आईसीई वाहनों को हटा पाएंगे या नहीं। हमारे पास बैटरी और कार के संदर्भ में बेहतरीन तकनीक है। हमने भारत में बड़ा निवेश किया है। हम लाभ में हैं और बैटरी ईवी के लिए प्रतिबद्ध हैं।

-क्या आप कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल इकॉनमी-2 (कैफे 2) मानकों को पूरा कर रहे हैं और 2030 तक उत्सर्जन मानकों में सख्ती पर आपकी क्या राय है?

हम कैफे-2 मानकों को पूरा कर रहे हैं। कैफे-3 चुनौतीपूर्ण है। इस संबंध में कंपनी में लगातार विकास हो रहा है। मैं आश्वस्त हूं कि उद्योग और नीति निर्माताओं के बीच चर्चा होगी। समयसीमा के लिए एक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण जरूरी है। हमने बैटरी और पावरट्रेन आदि में पहले ही निवेश करना शुरू कर दिया है।

हम इसका अंदाजा नहीं लगा सकते कि वर्ष 2030 तक हमारी कुल बिक्री में ईवी की भागीदारी कितनी होगी। उपभोक्ताओं का व्यवहार बदल रहा है। लेकिन यदि कोई आकर्षक कीमतों पर उत्पाद की पेशकश करता है तो ग्राहक उसमें दिलचस्पी जरूर दिखाएगा।

मान लीजिए कि अगर हम 700 किलोमीटर की रेंज देते हैं – तो ग्राहक आकलन क्यों नहीं करेगा? स्वामित्व का खर्च और इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभ पर ब्रांडों को बहुत सारी जानकारियां मुहैया करानी होंगी। ­