हीटस्‍ट्रीक : जिसके आगे कमजोर पड़ गए बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान भी

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भारत के अधिकांश हिस्‍से में इस समय भीषण लू और गर्मी का कहर जारी है. गुरुवार को लगातार सातवें दिन उत्‍तर भारत के अधिकांश राज्‍य उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, पंजाब, हरियाणा और नई दिल्‍ली भीषण गर्मी की चपेट में रहे. राजस्थान के बाड़मेर में तो पारा 48.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. यह इस साल देश में अब तक का सबसे अधिक तापमान है.

भारत के अधिकांश हिस्‍से में इस समय भीषण लू और गर्मी का कहर जारी है. गुरुवार को लगातार सातवें दिन उत्‍तर भारत के अधिकांश राज्‍य उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, पंजाब, हरियाणा और नई दिल्‍ली भीषण गर्मी की चपेट में रहे. राजस्थान के बाड़मेर में तो पारा 48.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. यह इस साल देश में अब तक का सबसे अधिक तापमान है. मौसम विभाग ने सभी उम्र के लोगों में गर्मी से होने वाली बीमारियों और हीटस्ट्रोक की संभावना की चेतावनी जारी की है. जी हां, वही हीटस्‍ट्रोक जिसकी वजह से बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को भी अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ गया था. जानिए क्‍या होता है हीटस्‍ट्रोक और कैसे गर्मी में इससे बचा जा सकता है.

हीट स्ट्रोक क्या है?

हीट स्ट्रोक तब होता है जब वातावरण का तापमान इतना ज्‍यादा होता है कि शरीर अपने बेसिक टेंप्रेचर को नियंत्रित करने के लिए पसीना नहीं बहा पाता है यानी वातावरण का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाए. ऐसे मामलों में, शरीर में सोडियम और पोटेशियम जैसे तत्‍वों का संतुलन गड़बड़ा जाता है. हाई कोर टेंप्रेचर और नमक का असंतुलन शरीर के अंगों के काम में बाधा डालता है. इसके कई लक्षण नजर आने लगते हैं. 

कोमा तक में जाने का खतरा! 

डॉक्‍टरों का कहना है कि हीटस्‍ट्रोक ब्रेन पर असर डाल सकता है. इससे पीड़‍ित व्यक्ति को धुंधलापन महसूस होता है और गंभीर मामलों में व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है. इससे किडनी और लीवर को भी नुकसान पहुंच सकता है. इस तरह के लक्षणों की वजह से हीट स्ट्रोक की वजह से व्‍यक्ति की मौत तक हो सकती है. हीटस्‍ट्रोक के मामले में सबसे पहले शरीर के मुख्य तापमान को तेजी से कम करना जरूरी होता है. पीड़‍ित पर ठंडा पानी डालकर, उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाकर और नमक के स्तर को संतुलित करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स देकर ऐसा किया जा सकता है. 

अगर किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान बहुत ज्‍यादा है लेकिन उसे पसीना नहीं आ रहा है, उसे नींद आ रही है, उल्टी हो रही है, पेशाब नहीं आ रहा है और वह ठीक से सांस नहीं ले रहा है. डॉक्‍टरों का कहना है कि बुजुर्गों और बहुत कम उम्र के लोगों का खास ध्यान रखा जाना चाहिए क्योंकि ये गर्मी के प्रभावों के लिए ज्‍यादा संवेदनशील होते हैं.

कैसे बचें हीटस्‍ट्रोक से 

हीटस्‍ट्रोक से बचने के लिए दोपहर खासकर तीन बजे के बीच सीधी धूप में बाहर निकलने से बचें.  अगर आपको बाहर निकलना है तो लगातार पानी पीते रहें.  लस्सी, नींबू पानी, छाछ या ओआरएस जैसे बाकी हाइड्रेटिंग लिक्विड्स पीते रहें जिससे इलेक्ट्रोलाइट लेवर बरकरार रहे. शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन न करें क्योंकि ये आपको और अधिक डिहाइड्रेटेड कर सकते हैं. हल्के रंग के, ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें और चश्मे, छाते का प्रयोग जरूर करें.