छत से भी आती है सुख-समृद्धि

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वास्तु नियमों के अनुसार पंचतत्वों का संतुलन करके बनाया गया मकान आपकी सुख-समृद्धि और सौभाग्य का कारण बनता है। लेकिन जब इन नियमों की अनदेखी करते हैं तो आपको उस मकान या स्थान से जुड़े वास्तु दोष का दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है। यदि बात करें घर के छत की तो अक्सर लोग इस जगह की अनदेखी करते हैं, वहां पर तमाम तरह की काम में नहीं आने वाली चीजें लाकर रख देते हैं जिसके कारण वास्तुदोष उत्पन्न हो जाता है और वहां रहने वाले लोगों की परेशानियों का कारण बनता है। आइए जानते हैं कि छत के लिए आप किन बातों का ध्यान रखें।

  • घर की छत पर किसी भी प्रकार की गंदगी न रखें। यहां किसी भी प्रकार के बांस या लोहे का जंग लगा हुआ सामान या टूटी कुर्सियां इत्यादि फालतू सामान कभी न रखें। जिन लोगों के घरों की छत पर अनुपयोगी सामान रखा होता है, वहां नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं, उस घर में रहने वाले लोगों के विचार नकारात्मक होते हैं और परिवार में भी मनमुटाव की स्थितियां बन सकती हैं।
  • यदि आपका एक मंजिल मकान है और आप छत पर भी कुछ निर्माण करवा रहे हैं तो ध्यान रहे निर्माण दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में करवाना लाभदायक सिद्ध होगा। छत के लिए खुली जगह हमेशा उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व की ओर छोड़नी चाहिए। छत दक्षिण और पश्चिम में नहीं होनी चाहिए।
  • वास्तु विज्ञान के अनुसार दक्षिण पश्चिम यानी नैऋत्य कोण अन्य दिशा से ऊंचा और भारी होना शुभ फलदायी होता है। छत पर पानी का टैंक इस दिशा में लगाने से अन्य भागों की अपेक्षा यह भाग ऊंचा और भारी हो जाता है। घर की समृद्धि के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी का टैंक लगाना चाहिए। इस दिशा में टंकी रखते समय यह भी ध्यान रखें कि इस दिशा की दीवार टैंक से कुछ ऊंची अवश्य हो इससे आमदनी बढ़ती है और परिवार में आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
  • अधिकतर जगहों पर सपाट छतों वाले मकान होते हैं, छत पर पानी के लिए ढलान वास्तु अनुसार रखना चाहिए। हमेशा पानी का ढलान दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ होना चाहिए, इसके विपरीत होने से उत्पन्न वास्तु दोष से परेशानियां पैदा हो सकती हैं।