Haldiram के प्रवर्तक नहीं चाहते कंपनी बिके

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निजी इ​क्विटी फर्मों ने हल्दीराम स्नैक्स फूड्स को खरीदने के लिए गैर-बाध्यकारी पेशकश की है मगर प्रवर्तक कंपनी को बेचना नहीं चाहते। हल्दीराम के शीर्ष अ​धिकारियों ने कहा कि प्रवर्तकों ने निजी इ​क्विटी कंपनियों से पेशकश करने को नहीं कहा है और वे कंपनी नहीं बेच रहे हैं। हल्दीराम से जुड़े एक सूत्र ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘प्रवर्तकों की कंपनी बेचने की खबरें सच नहीं हैं।’

निजी इ​​क्विटी उद्योग के एक सूत्र के अनुसार अमेरिका की निजी इ​क्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन और बेन कैपिटल तथा सिंगापुर की टेमासेक की अगुआई वाले एक कंसोर्टियम ने हल्दीराम स्नैक्स को खरीदने के लिए अलग-अलग गैर-बाध्यकारी पेशकश की हैं। एक बैंकिंग सूत्र ने बताया कि प्रवर्तक परिवार कंपनी के 69,138 करोड़ रुपये (8.3 अरब डॉलर) के मूल्यांकन से खुश नहीं है।

इस बारे में जानकारी के लिए ब्लैकस्टोन और टेमासेक से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। हल्दीराम और बेन कैपिटल को भी ई-मेल भेजे गए मगर
जवाब नहीं आए।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबरों के मुताबिक पिछले साल सितंबर में टाटा कंज्यूमर भी हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बात कर रही थी, लेकिन प्रवर्तकों ने कंपनी की कीमत 83,300 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) लगा दी, जिससे बात नहीं बन पाई। रॉयटर्स के अनुसार कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज पर संभावित सूचीबद्धता से पहले पिछले साल अतिरिक्त 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बेन कैपिटल के साथ भी बात की थी। लेकिन सौदा नहीं हो पाया।

पिछले साल हल्दीराम परिवार के दो धड़ों – नई दिल्ली और नागपुर – ने अपने कारोबार का विलय करने का निर्णय किया। इस परिवार का तीसरा धड़ा कोलकाता में है और वह नई एकीकृत इकाई में शामिल नहीं है।

हल्दीराम परिवार के लेनदेन में हल्दीराम स्नैक्स और हल्दीराम फूड इंटरनैशनल के एफएमसीजी कारोबार को मिलाकर हल्दीराम स्नैक्स फूड्स नाम की नई कंपनी बना दी गई। नई इकाई में हल्दीराम स्नैक्स के मौजूदा शेयरधारकों को 56 फीसदी हिस्सेदारी और हल्दीराम फूड इंटरनैशनल के पास 44 फीसदी हिस्सेदारी लेनी थी। सौदा पूरा होने के बाद हल्दीराम स्नैक्स फूड्स ही हल्दीराम समूह का समूचा एफएमसीजी कारोबार चलाएगी।

इस साल फरवरी में जारी क्रिसिल रेटिंग्स के विवरण के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में हल्दीराम स्नैक्स की आय 6,377 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2022 में 5,195 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का कर बाद मुनाफा 74 फीसदी बढ़कर 593 करोड़ रुपये रहा।

फ्रॉस्ट ऐंड सुलिवन की रिपोर्ट के अनुसार 19,300 करोड़ रुपये के देसी नमकीन और पश्चिमी नमकीन बाजार में हल्दीराम (दिल्ली और नागपुर) की 36 फीसदी हिस्सेदारी है। इस श्रेणी में पेप्सी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों और अन्य भारतीय कंपनियों के आने से होड़ काफी बढ़ गई है।