फलों में पपीते का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. पपीते के मीठे रस और टेस्टी गूदे के हजारों दीवाने हैं. ऊपर से इसका मेडिसिनल यूज इसे और खास बनाता है. यह फल पकाकर और कच्चा दोनों तरीके से उपयोग किया जाता है. वहीं भारत के अधिकांश हिस्सों में इसकी खेती की जाती है. किसान पपीते की खेती से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. लेकिन कई बार किसानों को पपीते की खेती करने से पहले उसकी किस्मों के चुनाव को लेकर मन में चिंता रहती है, ऐसे में आज हम उन किसानों को पपीते एक ऐसी किस्म के बारे में बताएंगे जो प्रति पेड़ 80 से 100 किलो. फल देने वाली किस्म है. आइए जानते हैं उस उन्नत के कहां से ले सकते हैं बीज और क्या है उसकी खासियत.
यहां से खरीदें पपीते का बीज
राष्ट्रीय बीज निगम किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पपीते की उन्नत किस्म रेड ग्लो “Red Glow” का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
रेड ग्लो किस्म की खासियत
रेड ग्लो किस्म की खास बात यह है कि इसमें अधिक देखरेख करने की जरुरत नहीं पड़ती है. इसके अलावा भी इस किस्म से अच्छा उत्पादन होता है. इस किस्म का एक पेड़ लगभग 80 से 100 किलो तक का उत्पादन होता है. इस किस्म को काटने पर गहरा लाल गुदा होता है. इसके एक फल का वजन एक से डेढ़ किलो होता है. वहीं इसके पेड़ की हाइट 7 फीट होता है. इसका पौधा सात महीने में फल देने लगता है. इसके फल की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है.
रेड ग्लो किस्म की कीमत
अगर आप पपीते की खेती करना चाहते हैं तो रेड ग्लो किस्म के 1 किलोग्राम के पैकेट का बीज फिलहाल 42 फीसदी छूट के साथ 274 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट से खरीद सकते हैं. इसे खरीद कर आप आसानी से पपीते की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
पपीते की अच्छी खेती गर्म नमीयुक्त जलवायु में की जा सकती है. इसे अधिकतम 38 डिग्री सेल्सियस 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होने पर उगाया जा सकता है, पपीता बहुत ही जल्दी बढ़ने वाला पेड़ है. साधारण ज़मीन, थोड़ी गर्मी और अच्छी धूप मिले तो यह पेड़ अच्छा पनपता है. पपीता की खेती के लिए हल्की दोमट या दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी हो उसे उपयुक्त माना जाता है. वहीं पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह तैयारी करके खेत में बीज डालना चाहिए.