विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले सात देशों के समूह (जी7) ने जलवायु, ऊर्जा और पर्यापरण पर हाल में हुई बैठक में 2030 के दशक के पहले 5 साल में कोयले का निर्बाध इस्तेमाल खत्म करने का फैसला किया है। इस फैसले ने साल के आखिर में बाकू में होने वाले कॉन्फ्रेंस आफ पार्टीज (कॉप 29) ब्राजील में होने वाले बीस देशों के समूह (जी20) ऊर्जा पर वैश्विक बातचीत के लिए रुख तय कर दिया है।
इटली के टूनिस में हुई जी7 की बैठक की अंतिम विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘नेट जीरो की राह पर चलते हुए हम 2030 के शुरुआती 5 साल में या तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि तक सीमित करने के लिए तय अवधि तक कोयले से निर्बाध बिजली उत्पादन को खत्म करने को प्रतिबद्ध हैं।’
विशेषज्ञों ने इस्तेमाल खत्म करने को लेकर इस्तेमाल की गई भाषा की आलोचना करते हुए इसे कमजोर करार दिया है।
उनका कहना है सि संभवतः जी7 इसके माध्यम से विकासशील देशों पर जीवाश्म ईंधन इस्तेमाल करना बंद करने के लिए ज्यादा दबाव डालने की कोशिश कर रहा है।
जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि पहल के ग्लोबल इंगेजमेंट डायरेक्टर हरजीत सिंह ने कहा, ‘कोयले का निर्बाध इस्तेमाल चरणबद्ध तरीके से 2030 के मध्य तक खत्म करने की जी7 की सुस्त प्रतिक्रिया जलवायु परिवर्तन की तत्काल जरूरत के विपरीत है। ऐतिहासिक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में प्रमुख भूमिका निभाने के बावजूद ये प्रभावशाली देश जीवाश्म ईंधन से जुड़ी अर्थव्यवस्था से बहुत ज्यादा जुड़े हुए हैं।’