इथेनॉल क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा विनिर्माता संघ (इस्मा) ने केंद्र सरकार के सामने प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत मौजूदा इथेनॉल ब्लेंडिंग क्षमता से 770 करोड़ लीटर अतिरिक्त इथेनॉल क्षमता बनानी होगी. इसके साथ ही सरकार से मौजूदा इथेनॉल ब्लेंडिंग प्रोग्राम (ईबीपी) को 2025 से आगे ले जाने के लिए मॉडर्न बॉयो फ्यूल पॉलिसी लाने का आग्रह किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस पर जल्द फैसला ले सकती है. कहा जा रहा है कि इससे गन्ना, मक्का किसानों को और डिस्टलरीज को फायदा पहुंचेगा.
इस्मा ने सुझाव दिया है कि 770 करोड़ लीटर अतिरिक्त इथेनॉल उत्पादन क्षमता के लिए 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी योजना की घोषणा की जाए. 2025 से आगे इथेनॉल ब्लेंडिंग के लिए रोडमैप पर सुझावों के लिए सरकार के आह्वान पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्मा ने कुछ दिन पहले अंतर मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के समक्ष अपनी सिफारिशें पेश कीं, जिसमें उसने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने और भविष्य की मांगों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण, नीति समर्थन, निवेश और तकनीकी इनोवशन की जरूरत पर जोर दिया है.
20 फीसदी ब्लेंडिंग के लिए उत्पादन सही
इस्मा के अनुसार 31 अक्टूबर तक देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,683 करोड़ लीटर थी, जिसमें से 815 करोड़ इथेनॉल गुड़ से बना हुआ और 126 करोड़ लीटर डुअल फीड और 742 करोड़ लीटर मक्का और दूसरे अनाज से बना हुआ था. इथेनॉल का यह उत्पादन 20 फीसदी ब्लेडिंग डिमांड को पूरा करने के लिए पर्याप्त है
इथेनॉल ब्लेंडिंग दोगुनी करने का टारगेट
ISMA ने कहा कि इथेनॉल ब्लेंडिंग मांग में बढ़ोत्तरी 2025-26 में 1,127 करोड़ लीटर और 2034-35 तक 2,994 करोड़ लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है. इसके लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत होगी. सरकार ने E20 ईंधन वितरित करने वाले 17,000 से अधिक खुदरा दुकानों और E100 ईंधन के लिए 400 पंपों के बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ अपने E20 लक्ष्य को 2025 तक आगे बढ़ा दिया है.
बॉयो रिफाइनरी के लिए इथेनॉल पंप बनाने की योजना
इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि भारत की इथेनॉल क्षमता वर्तमान में 1,683 करोड़ लीटर है. इसे 2030-31 तक 2,362 करोड़ लीटर तक बढ़ाना जरूरी है.इस्मा ने कहा कि हाइड्रस इथेनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के साथ-साथ वर्तमान ई20 मिश्रण को बढ़ावा देना है. इससे हाई इथेनॉल ब्लेंडिंग सुचारू रूप से चल सके. इस्मा ने इथेनॉल के इस्तेमाल को पूरक बनाने के लिए मॉडर्न तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया. इस्मा ने बायो हब के जरिए चीनी बॉयो रिफाइनरी के लिए इथेनॉल पंप बनाने की योजना का सुझाव दिया है